उत्तर प्रदेश में बच्चे कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान से प्रेरित होकर अब अपने गुल्लक को नजदीकी पुलिस थानों में ले जा रहे हैं ताकि प्रधानमंत्री राहत कोष में अपना योगदान दे सकें। मुजफ्फरनगर के कुटेसरा गांव में दो भाई-बहन गुरुवार को पास की पुलिस चौकी पर पहुंचे और जरूरतमंद लोगों के लिए अपने दोनों गुल्लक में रखे अपनी बचत के पैसों को पुलिस को सौंप दिया।
सब इंस्पेक्टर शिव कुमार ने कहा, "मैंने पुलिस उपाधीक्षक को सूचित कर उनकी सलाह मांगी है कि यह पैसा स्वीकार किया जा सकता है या नहीं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैं बच्चों की प्रशंसा करता हूं।" उन्होंने कहा, "गुल्लक को अभी तक नहीं खोला गया है क्योंकि हम पहले इसके लिए उच्च अधिकारियों से अनुमति लेंगे।" पुलिसकर्मियों ने बच्चों को गुलाब के फूल दिए।
Published: 03 Apr 2020, 4:30 PM IST
गुल्लक लेकर आने वाले दोनों बच्चों के नाम आदिब (7 साल) और उसकी 10 साल की बहन आदिबा हैं। दो दिन पहले, बस्ती जिले में देवस्थान नामक एक पांच साल के बच्चे ने पुलिस थाने जाकर अपने गुल्लक को सौंप दिया। लड़के को पता नहीं था कि उसके गुल्लक में कितने पैसे हैं लेकिन उसने कहा कि वह कोरोना की लड़ाई के लिए इसे प्रधानमंत्री को देना चाहता है।
Published: 03 Apr 2020, 4:30 PM IST
उसने कहा कि उसने टेलीविजन पर देखा था कि कैसे लोग वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो रहे हैं, जिसके बाद उसने अपना योगदान देने का फैसला किया। पुलिस ने लड़के को अपनी बचत देने से रोकने की कोशिश की क्योंकि वह थाने में अकेला आया था लेकिन देवस्थान अपनी बातों में अड़ा रहा। बस्ती के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम पैसे उच्च अधिकारियों को भेजेंगे और वे तय करेंगे कि इसे कैसे भेजा जाना है।"
कानपुर में छह साल के बच्चे रोहताश ने अपने माता-पिता से कहा कि वह अपने खिलौने बेचकर उस पैसे को प्रधानमंत्री को भेजना चाहता है।
Published: 03 Apr 2020, 4:30 PM IST
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Published: 03 Apr 2020, 4:30 PM IST