पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में हाल ही में संपन्न दुर्गा पूजा उत्सव के चार दिनों के दौरान शराब की बिक्री से 600 करोड़ रुपये की राज्य उत्पाद शुल्क आय अर्जित की है। लंबी दुर्गा पूजा की छुट्टियों के बाद सोमवार को राज्य सरकार के लिए पहला कार्य दिवस था। राज्य में शराब की बिक्री और राज्य उत्पाद शुल्क के रूप में राज्य के खजाने में आने वाली राशि की गणना ने राज्य के वित्त विभाग के अधिकारियों को काफी उत्साहित कर दिया है।
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राज्य के वित्त विभाग के अधिकारियों की गणना के अनुसार, राज्य उत्पाद शुल्क कलेक्शन पहले ही लगभग 8,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो 2023-24 के बजट अनुमान के अनुसार 17,921.56 करोड़ रुपये के लक्षित कलेक्शन का लगभग 45 प्रतिशत है।
दुर्गा पूजा के चार दिनों के दौरान चलन को देखते हुए, राज्य के उत्पाद शुल्क अधिकारियों को चालू माह में काली पूजा, दिवाली के अवसर पर और फिर दिसंबर में क्रिसमस से शुरू होने वाले तथा नए साल की पूर्व संध्या के साथ समाप्त होने वाले एक और लंबे त्योहारी सीजन के कारण शराब व बीयर की इसी तरह की बिक्री की उम्मीद है।
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राज्य वित्त विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ''आम तौर पर, अक्टूबर और जनवरी के बीच के समय में शराब की बिक्री और राज्य उत्पाद शुल्क कलेक्शन के संबंध में तेजी से बढ़ोतरी होती है क्योंकि छोटे अंतराल पर दो लंबे त्योहारी सीजन होते हैं।
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लेकिन, इस साल दुर्गा पूजा के रुझान ने पिछले सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। इसलिए अब यह लगभग तय है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्षित राज्य उत्पाद शुल्क कलेक्शन को पार कर लिया जाएगा।''
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वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान के अनुसार, राज्य उत्पाद शुल्क कलेक्शन बढ़कर 17,921.56 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमान के अनुसार यह आंकड़ा 15,001.39 करोड़ रुपये से 19.41 प्रतिशत अधिक है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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