देश में छाई बेरोजगारी की स्थिति में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। सोमवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार फरवरी माह में देश की बेरोजगारी दर पिछले चार महीने में सबसे उंचे स्तर पर पहुंच गई। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.78% पर पहुंच गई, जो अक्टूबर 2019 के बाद से सबसे ज्यादा है। पिछले महीने जनवरी में बेरोजगारी दर 7.16% रही थी।
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इसके अलावा सीएमआईई ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी का आंकड़ा भी जारी किया है, जो और ज्यादा चिंताजनक है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर पिछले महीने के 5.97 फीसद से कहीं अधिक बढ़कर फरवरी में 7.37 फीसद हो गई है।
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वहीं सोमवार को ही मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई (मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) के आंकड़े भी जारी हुए। आंकड़ों के अनुसार, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार जनवरी के मुकाबले फरवरी महीने में काफी धीमी रही है। मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई जनवरी में 55.3 पर था, जो फरवरी में गिरकर 54.5 पर आ गया है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर खड़ी हुई चिंताओं के चलते फरवरी महीने में दूसरे देशों से डिमांड में कमी रही है।
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बेरोजगारी का यह आंकड़ा देश की अर्थव्यवस्था पर छायी मंदी के प्रभाव का असर बताया जा रहा है। दरअसल साल 2019 के आखिरी तीन महीनों में देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार पिछले छह साल की सबसे धीमी रही है। विश्लेषकों का अनुमान है कि सरकारी की आर्थिक नीतियों की वजह से आर्थिक विकास पर असर पड़ा है, जिससे बेरोजगारी के आंकड़ें बढ़े हैं।
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