कांग्रेस ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में तीन भारतीय जवानों के शहीद होने की घटना को चौंका देने वाला करार दिया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "चौंका देने वाला, अविश्वसनीय और अस्वीकार्य। क्या रक्षामंत्री पुष्टि करेंगे?"
कांग्रेस हाल के दिनों में यह मुद्दा उठाती रही है और इस पर स्पष्टीकरण की मांग करती रही है। रणदीप ने कहा, "कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी स्टैंड-ऑफ के बारे में सवाल किया था, लेकिन सरकार ने हमें अनदेखा कर दिया।"
Published: 16 Jun 2020, 5:31 PM IST
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चीनी सेना द्वारा लद्दाख में तीन स्थानों पर अप्रैल/मई, 2020 के बाद भारतीय सीमा में की गई घुसपैठ की खबरों ने पूरे देश में गंभीर चिंता और व्यग्रता पैदा कर दी, पर सीमा में घुसपैठ के तथाकथित चीनी दुस्साहस पर मोदी सरकार ने मौन साध लिया। कथित तौर से ये घुसपैठ लद्दाख में गलवान नदी वैली, हाॅट स्प्रिंग्स और पैंगोंग सो झील के इलाके में हुई।भारत की ‘सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता’ से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। खबरों की मानेंतो चीनी सेना के हजारों सैनिकों ने गलवान वैली और पैंगोंग सो लेक एरिया (लद्दाख) में घुसपैठ कर हमारी ‘भूभागीय अखंडता’ पर अतिक्रमण का दुस्साहस किया है।
Published: 16 Jun 2020, 5:31 PM IST
उन्होंने कहा कि पिछले पांच दशकों में, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक भी दुर्घटना या हमारे सैनिक की शहादत भारत-चीन सीमा पर नहीं हुई है। गहरी चिंता और स्तब्ध करने वाली बात यह है कि आज दोपहर के बाद से, सभी समाचार चैनलों/समाचार पत्रों ने चीनी सेना द्वारा भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों के मारे जाने की पूरी तरह से अप्रत्याशित और अस्वीकार्य खबर दी है। भारतीय सेना द्वारा 12.52 बजे कथित रूप से जारी एक बयान में हमारे अफसर और सैनिकों के वीरगति प्राप्त करने की पुष्टि की गई है (और बाद में 1.08 बजे यह बयान संशोधित कर दिया गया)। प्रत्येक समाचार एजेंसी और समाचार चैनल द्वारा भारतीय सेना के इस बयान को दिखाया जा रहा है। हमारे कुछ जवानों के गंभीर रूप से घायल होने की खबरें भी आ रही हैं। यदि यह सच है, तो चीनी सैनिकों के हाथ हमारे जांबाज और बहादुर अधिकारी और सैनिकों की शहादत की खबरें बहुत ही चैंकाने वाली, भयावह और पूर्णतया अस्वीकार्य हैं।
Published: 16 Jun 2020, 5:31 PM IST
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इन खबरों को सुन पूरा देश क्षुब्ध है, रोष में है, परंतु प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को आगे आकर देश को जवाब देना चाहिए।
उन्होंने सरकार से चार सवाल भी किए हैं:-
1. क्या यह सच है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी में भारतीय सेना के एक अधिकारी और सैनिकों को मार डाला है? क्या यह सही है कि अन्य भारतीय सैनिक भी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं? यदि हां, तो पीएम मोदी और रक्षामंत्री पूरी तरह चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?
2. भारतीय सेना के कथित बयान के मुताबिक हमारी सेना के उच्च अधिकारी और सैनिक कल रात उस समय शहीद हुए थे, जब डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया गलवान घाटी में चल रही थी। क्या प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री इस बात पर राष्ट्र को विश्वास में लेंगे कि हमारे अधिकारी और सैनिक ऐसे समय में कैसे शहीद हो सकते हैं जबकि चीनी सेना कथित तौर पर गलवान घाटी के हमारे क्षेत्र से कब्जा छोड़ वापस जा रही थी? केंद्रीय सरकार बताए कि हमारे उच्च सेना अधिकारी और सैनिक कैसे और किन परिस्थितियों में शहीद हुए? अगर हमारे अधिकारी और सैनिकों के शहीद होने का यह वाक्या कल रात हुआ था, तो आज 12.52 बजे दोपहर बयान क्यों जारी किया गया और 16 मिनट बाद ही यानि 1.08 बजे दोपहर बयान क्यों बदला गया?
3. प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने अप्रैल/मई, 2020 से चीनी सेना द्वारा हमारे क्षेत्र पर कब्जे बारे चुप्पी बनाए रखी है और सार्वजनिक पटल पर किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। क्या प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री अब आगे बढ़कर देश को यह बताने का साहस करेंगे कि अप्रैल/मई 2020 तक भारत की सीमा के कितने क्षेत्र में चीन ने अवैध कब्जा कर लिया है? यह भी बताएं कि वे कौन से हालात और स्थिति हैं, जिनके चलते हमारे बहादुर सैन्य अधिकारी और सैनिकों की शहादत हुई है, जबकि चीनी सैनिकों को भारतीय सीमा से पीछे हट ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’ तक जाने के लिए मजबूर किया जाना था? क्या प्रधानमंत्री राष्ट्र को विश्वास में लेंगे?
4. क्या प्रधानमंत्री बताएंगे कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए पैदा हुई इस चुनौतीपूर्ण व गंभीर स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की नीति क्या है? कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि पूरा देश भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और भूभागीय अखंडता की रक्षा के लिए एकजुट है। पर मोदी सरकार को यह याद रखना होगा कि संसदीय प्रणाली में शासकों की गोपनीयता या चुप्पी का कोई स्थान नहीं है।
बता दें कि सोमवार रात को गलवान घाटी में सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान हुई हिसंक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 16 Jun 2020, 5:31 PM IST
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Published: 16 Jun 2020, 5:31 PM IST