दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं ने आज आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और प्रस्तावित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद ने प्रेस से बात की। उन्होंने कहा, “आज की बैठक देश की 13 समान विचारधारा वाले दलों के बीच हुई। बढ़ती बेरोजगारी, आर्थिक और कृषि संकट समेत कई विषयों पर चर्चा की गई।”
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गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि देश एक ऐसे समय से गुजर रहा है कि जहां हर एक व्यक्ति, चाहे पढ़ा लिखा हो, कम पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ हो, खेती करता हो, उद्योग या ट्रेड चलाता हो, बिजनेस चलाता हो वो सब लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि देश में अगर कोई परेशान नहीं है तो वो है सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी क्योंकि उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा, “पिछले 50 सालों में इतनी बेरोजगारी कभी नहीं थी और ये लगातार बढ़ती जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में जितनी बेकारी है उससे दुगुनी बेरोजगारी हमारे देश में है। यही चिंता देश के लोगों को खाए जा रही है।”
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देश की अर्थव्यवस्था की बिगड़ी दशा को लेकर गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि देश की आर्थिक दशा की तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। किस तरह इन 6 सालों में देश की जीडीपी नीचे गिरती जा रही है।
उन्होंने कहा, “देश में कोर सेक्टर की ग्रोथ लगातार गिरती जा रही है। एनपीए 8 लाख करोड़ तक पहुंच गए हैं। बीजेपी की सरकार में 25000 बड़े बैंक फ्रॉड हुए। अगले चार सालों तक अगर यही चलता रहा तो रिजर्व बैंक भी सड़क पर आ जाएगा।”
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किसानों की दशा को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि खेती के उपकरणों पर जीएसटी लगाया जा रहा है, ऐसे में देश के करोड़ों किसान आत्मदाह नहीं करेंगे तो क्या करेंगे।
इसके अलावा आरसीईपी और जीएसटी को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा, “GST की शुरुआत कांग्रेस के समय में हुई थी। लेकिन यह उसी तरह हुआ जिस तरह एक मरीज को डॉक्टर ऑपरेशन की तारीख देता है और उसके बाद डॉक्टर का ट्रान्सफर हो जाता है तो निर्धारित तारीख पर कंपाउंडर मरीज का इलाज कर देता है। इसी तरह gst के साथ भी हुआ।”
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