लगातार दो महीने राहत के बाद देश में खुदरा महंगाई में एक बार फिर तेजी देखी गई है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाने-पीने की चीजों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण सितंबर में उपभोक्ता मूल्य आधारित खुदरा महंगाई की दर बढ़कर 5.49 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह पिछले साल दिसंबर के बाद का उच्चतम स्तर है। वहीं, खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 9.24 प्रतिशत दर्ज की गई।
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इससे पहले जुलाई में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.60 प्रतिशत और अगस्त में 3.65 प्रतिशत पर रही थी। दोनों महीने में खाद्य महंगाई दर भी छह फीसदी से नीचे रही थी।
रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह महंगाई फिर बढ़ने की आशंका जाहिर करते हुए रेपो दर तथा दूसरी नीतिगत दरें न घटाने का फैसला किया था।
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आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में सब्जियों के दाम एक साल पहले की तुलना में 36 फीसदी बढ़े। दालों और उनके उत्पादों के दाम भी 9.81 प्रतिशत बढ़े। इस दौरान, फल 7.65 प्रतिशत और अनाज 6.84 फीसदी महंगे हुए। अंडों के दाम भी 6.31 फीसदी बढ़े। हालांकि, मसालों में 6.13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
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सरकार ने बताया कि सितंबर में स्वास्थ्य सेवाएं भी 4.09 फीसदी महंगी हो गईं। सौंदर्य प्रसाधन की महंगाई दर नौ फीसदी रही। हालांकि, ईंधन एवं बिजली वर्ग की महंगाई दर शून्य से 1.39 प्रतिशत कम रही।
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रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि जब तक खुदरा महंगाई स्थायी रूप से कम नहीं हो जाती नीतिगत दरों में कटौती नहीं की जाएगी।
इससे पहले थोक महंगाई के आंकड़े भी जारी किए गए थे। सितंबर में थोक महंगाई दर बढ़कर 1.84 प्रतिशत पर पहुंच गई है। हालांकि, खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर भी 9.47 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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