उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी जय बाजपेयी द्वारा कथित रूप से अर्जित की गई अवैध संपत्ति संबंधी का मामला आयकर विभाग (आईटी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंप दिया है। गृह विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार, बाजपेयी के खिलाफ मामला प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होता है, इसलिए राज्य सरकार ने इस मामले को आयकर विभाग और ईडी को सौंपने का फैसला किया। योगी सरकार ने दोनों एजेंसियों से मामले में की गई कार्रवाई से अवगत कराने का आग्रह किया है।
Published: undefined
तीन जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में दुबे के ठिकाने पर पुलिस दबिश देने गई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। बाजपेयी और दुबे के एक अन्य सहयोगी प्रशांत शुक्ला को दुबे के ठिकाने पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था।
Published: undefined
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "विकास दुबे ने 1 जुलाई को बाजपेयी को फोन किया था, जिसके बाद दो आरोपियों ने उससे मुलाकात की और 2,00,000 रुपये और 25 रिवॉल्वर की पेशकश की। उन्होंने फरार होने में तीन वाहनों के जरिए उसकी मदद भी की थी।" हालांकि, पुलिस की मौजूदगी के कारण दुबे और उसके गुर्गो ने बाजपेयी की कारों में यात्रा नहीं की। उनके खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined