कोरोना संक्रमण के चलते गरीब तबके पर पड़े प्रभाव के मद्देनजर निशुल्क राशन वितरण के लिए सात अगस्त को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अन्न उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बाढ़ की स्थिति का जिक्र करते हुए सवाल उठाए हैं।
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पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि, "राज्य के ग्वालियर-चंबल संभाग सहित कई जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं, 1250 से अधिक गांव अभी भी इस भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। कई लोगों की जान इस बाढ़ के कारण जा चुकी है, हजारों लोग अभी भी इस भीषण बाढ़ में फंसे हुए हैं। कई गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। कई बड़े-छोटे पुल-पुलिया बह चुके हैं। क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कें उखड़ चुकी है, ध्वस्त हो चुकी हैं। कई मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं। पशु हानि हो चुकी है, लोगों की गृहस्थी का पूरा सामान इस बाढ़ के पानी में बह चुका है ,लोगों के आंसू नहीं थम रहे हैं, लोगों का सब कुछ बर्बाद हो चुका है।"
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उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश संकट में है और शिवराज सरकार प्रदेश में सात अगस्त को भव्य तरीके से 'अन्न महोत्सव' मनाने की तैयारियों में जुटी हुई है। राशन दुकानों को गुब्बारे लगाकर, भव्य तरीके से होडिर्ंग- पोस्टर लगाकर सजाया जा रहा है, लोगों को निमंत्रण बांटे जा रहे हैं, प्रभात फेरियां निकाली जा रही हैं। पूरी सरकार इस आयोजन की तैयारियों में लगी हुई है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश का बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। अभी आवश्यकता है बाढ़ में फंसे हजारों लोगों के जीवन को बचाने की, राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने की, आधारभूत संरचनाओं के पुर्ननिर्माण की।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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