देश

हरियाणा में भी पीएम मोदी का सफाई अभियान साफ, पंचकूला के चौराहों पर लगे टॉयलेट बता रहे हाल

स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का दावा करने से पीएम मोदी कभी नहीं चूकते। लेकिन खुले में शौच से मुक्त घोषित हरियाणा के पहले जिले पंचकूला के चौराहों पर लगाए गए शौचालयों की हालत स्वच्छ भारत अभियान की सफलता के दावे की पोल खोल देते हैं।

फोटोः नवजीवन
फोटोः नवजीवन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को महात्मा गांधी की याद में देश को साफ-सुथरा बनाने का संकल्प लिया और पूरा सरकारी अमला इस काम में जुट गया। इसके लिए करोड़ों के विज्ञापन दिए गए। यहां तक तो ठीक था, लेकिन उसके बाद यह सरकार आदत के मुताबिक आंकड़ों और तथ्यों की बाजीगरी करते हुए योजना की सफलता के दावे करने लगी। श्रेय लेने की होड़ में राज्यों ने करोड़ों के विज्ञापन देकर कहना शुरू कर दिया कि वे खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। पीएम मोदी की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक स्वच्छता अभियान की नवजीवन द्वारा पड़ताल की इस कड़ी में पेश है हरियाणा में इस योजना का जमीनी हाल।

स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का दावा करने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चूकते नहीं। हर सार्वजनिक मंच से अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं। लेकिन कोई योजना कितनी सफल है, इसका पता तो जमीनी हकीकत से ही चलता है। खुले में शौच से मुक्त घोषित किए गए हरियाणा के पहले जिले पंचकूला की स्थिति तो कम से कम इस योजना की सफलता की कहानी नहीं कहती। पंचकूला के चंद चौराहों पर लगे शौचालयों की हालत स्वच्छ भारत अभियान की बदरंग तस्वीर है।

सरकार की हर योजना की तरह इसे भी हरियाणा में बड़े जोर-शोर से शुरू किया गया था। खुले में शौच की समस्या से मुक्ति दिलाना इस योजना का अहम लक्ष्य है। पंचकूला के गिने-चुने चौराहों पर लगाए गए गंदगी और बदबू से बेहाल तमाम टॉयलेट सरकार की नाकामी बयां कर रहे हैं। यहां तक कि कुछ शौचालय तो इस हालत में पहुंच गए थे कि प्रशासन को उन्हें उठाकर ले जाना पड़ा।

2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान का आगाज किया था। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार के कार्यकाल में चल रहे निर्मल भारत अभियान का ही यह नया नामकरण था। केंद्र सरकार ने इसके तहत 2 अक्टूबर 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। हरियाणा के सभी जिलों को 2017 तक खुले में शौच से मुक्त अर्थात ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। लोकसभा में तत्कालीन पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने इसकी जानकारी दी थी।

पंचकूला ओडीएफ घोषित होने वाला राज्य का पहला जिला था। लेकिन हरियाणा के पेरिस कहे जाने वाले पंचकूला के कई चौराहों पर लगाए गए शौचालयों की हालत इस योजना की बदहाल तस्वीर दिखा देती है। इनकी हालत इतनी खराब है कि कई की छत ही टूट गई है। कई गंदगी से भरे हुए हैं और बदबू ऐसी की पास खड़े होना मुश्किल। किसी की पानी की टंकी ही गायब है। दरवाजे हैं तो बंद होने की स्थिति में नहीं। ऐसे में इनका इस्तेमाल कैसे होता होगा, यह अंदाजा लगाया जा सकता है।

पंचकूला के सेक्टर-15 की स्टील मार्केट में लगा टॉयलट ऐसा ही था। फ्लश टूटा हुआ गंदगी से भरा था। वहीं ऑटो स्टैंड पर खड़े राजू पांडेय ने बताया कि उन्होंने कभी-कभार ही इसकी सफाई होते हुए देखा है। उन्होंने बताया कि करीब छह महीने पहले इसे लगाया गया था। वहीं एक अन्य युवक का कहना था कि इसकी सफाई क्या होती है, बस भगवान ही मालिक है।

भगवान परशुराम चौक पर लगे दो टॉयलेट की हालत भी बदतर मिली। यहां पानी की टंकी ही गायब हो गई है। गंदगी बुरी तरह भरी हुई थी। बदबू इतनी कि खड़े होना मुश्किल था। यहीं बगल में फुटपाथ पर हेलमेट बेच रहे गुरचरण सिंह ने बताया कि इस टॉयलेट की सफाई करने कोई नहीं आता।

गुरचरण ने बताया कि टॉयलेट के पीछे पानी की टंकी लगी थी, जिसे प्रशासन के लोग ही निकाल ले गए। अब बिना पानी के शौचालय का इस्तेमाल कैसे हो? पंचकूला के सेक्टर-16 स्थित पुरानी लेबर मंडी चौक पर तकरीबन 25-30 साल से नंबर प्लेट बनाने का काम कर रहे राम आसरे ने बताया कि करीब डेढ़-दो साल पहले यहां चौक पर टॉयलेट लगाए गए थे। उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि प्रशासन के लोग उन्हें उठा ले गए।

हैरानी की बात है कि अभी हाल ही में केंद्र की ओर से पंचकूला नगर निगम को ओडीएफ प्लस-प्लस घोषित किया गया है। इसके लिए सर्टिफिकेट भी दिया गया है। केंद्र की एक टीम ने सभी मापदंडों पर पंचकूला को खरा पाया। टीम ने व्यक्तिगत, सामूदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण किया था। ओडीएफ की गाइडलाइन के अनुसार शहर के दस शौचालयों में यूरिनल, नैपकिन डेस्ट्रॉयर और हैंडवाश जैसी सुविधाएं बेहतर पाई गईं।

नगर निगम के प्रशासक ने शहर की इस उपलब्धि पर जनता को बधाई भी दी थी। पर सरकार के दावों पर जब राज्य की प्रशासनिक राजधानी माने जाने वाले पंचकूला में ही इतने सवाल खड़े हो रहे हैं तो प्रदेश के दूसरे हिस्सों का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया