विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि भारत, पाकिस्तान में प्रस्तावित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) सम्मेलन में शामिल नहीं होगा और जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को बंद नहीं करेगा, दोनों देशों के बीच कोई वार्ता नहीं होगी। सुषमा स्वराज ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत, पाकिस्तान में दक्षेस सम्मेलन में भाग नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि वार्ता और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।
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उन्होंने आगे कहा, “जैसा कि मैंने कहा कि जब तक पाकिस्तान, भारत में आतंकवादी गतिविधि को खत्म नहीं करेगा तब तक कोई वार्ता नहीं होगी और हम दक्षेस में भाग नहीं लेंगे।” उन्होंने कहा कि भारत हालांकि करतारपुर कॉरिडोर के विकास का स्वागत करता है, लेकिन हम तब तक वार्ता नहीं करेंगे, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता।
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उन्होंने आगे कहा, “द्विपक्षीय वार्ता और करतारपुर कॉरिडोर बिल्कुल अलग-अलग चीज है। मैं बहुत खुश हूं कि बीते 20 वर्षो से भारत सरकार करतारपुर कॉरिडोर की मांग कर रही थी और पहली बार पाकिस्तान ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो जाएगी। हम हमेशा कहते हैं कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान जैसे ही भारत में आतंकवादी गतिविधि रोकेगा, वार्ता शुरू हो जाएगी। वार्ता केवल करतारपुर कॉरिडोर से जुड़ी हुई नहीं है।”
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बता दें कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने मंगलवार को कहा था कि मोदी को दक्षेस सम्मेलन के लिए पाकिस्तान आमंत्रित किया जाएगा। पाकिस्तान में 2016 में होने वाले 19वें दक्षेस सम्मेलन का भारत ने बहिष्कार किया था। इसके बाद अफगास्तिान, बांग्लादेश और भूटान ने भी सम्मेलन में भागीदारी से मना कर दिया था और इसे रद्द करना पड़ा था।
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