सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एनआरसी की फाइनल लिस्ट को जारी करने की डेड लाइन को एक महीने के लिए बढ़ा दिया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब ये सूची 31 जुलाई के बजाए 31 अगस्त को जारी की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद से केंद्र सरकार को थोड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार ने इससे पहले कोर्ट से एनआरसी की अंतिम सूची को जारी करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मानने से मना कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक असम में बाढ़ की वजह से फैली अव्यवस्था को देखते हुए कोर्ट ने यह फैसला लिया है।
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26 जून 2019 को असम सरकार ने एनआरसी की नई सूची जारी की थी। इस नई सूची में 1,02,462 लोगों को बाहर कर दिया गया था। एनआरसी अधिकारियों ने कहा था कि अतिरिक्त सूची में सिर्फ उन लोगों के नाम दर्ज किये गए हैं, जो 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित पूर्ण मसौदा एनआरसी में शामिल थे, लेकिन बाद में अयोग्य पाए गए।
बता दें कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) में नाम नहीं होने के कारण जेल भेजे जाने या बेदखल किये जाने के खौफ से असम के कामरुप जिले में अशरफ अली नाम के एक 90 साल के बुजुर्ग ने खुदकुशी कर ली थी। उनके पास से मिले कागजात के अनुसार उनकी उम्र 90 साल थी और उनका नाम 1971 के वोटर लिस्ट में भी शामिल था।
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क्या है एनआरसी
एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम, पते और फोटो हैं जो असम के निवासी है। इसकी मदद से राज्य में अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। नागरिकता कानून से थोड़ा अलग रूप में राज्य में असम अकॉर्ड, 1985 लागू है जिसके मुताबिक 24 मार्च, 1971 की आधी रात तक सूबे में प्रवेश करने वाले लोग भारतीय कहलाए जाएंगे।
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