आधार को सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य बनाने के मामले में अंतरिम आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 14 दिसंबर को सुनवाई हुई। 5 जजों की संविधान पीठ के सामने याचिकाकर्ताओं की ओर से श्याम दीवान ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि आधार को 139 से ज्यादा स्कीम के लिए अनिवार्य करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है और आधार को केवल 6 योजनाओं से लिंक करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था। बावजूद इसके सरकार ने इसे 139 से ज्यादा सेवाओं के लिए जरूरी करार दिया है, जो कोर्ट के आदेश की अवमानना है। श्याम दीवान ने ये भी याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आधार से योजनाओं को लिंक करना लोगों की स्वेच्छा पर निर्भर करता है, लेकिन सरकार ने इसे जरूरी कर दिया।
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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि सभी योजनाओं के लिए समयसीमा 31 मार्च करने कर दी गई है। जबकि मोबाइल से आधार लिंक करने के लिए समयसीमा 6 फरवरी है और अगर कोर्ट चाहे तो इसे बढ़ा सकता है। पूरे मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश सुनाएगा। वहीं आधार की वैधता पर 10 जनवरी से सुनवाई होगी।
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आधार को बैंक खातों समेत दूसरी योजनाओं के लिए अनिवार्य करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दी गई हैं। 14 दिसंबर को सुनवाई से पहले केंद्र सरकार बैंक खातों सहित दूसरी कई योजनाओं के लिए आधार लिंक करने की समयसीमा को नोटिफिकेशन जारी कर 31 मार्च कर चुकी है। वहीं मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने की समयसीमा आगे नहीं बढ़ाई गई है क्योंकि इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ही इसे तय किया था।
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