वनवासियों और आदिवासियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बृहस्पतिवार को 16 राज्यों के 11.8 लाख वनवासियों और आदिवासियों को बेदखल करने संबंधी अपने पुराने फैसले पर रोक लगा दी है। फिलहाल उन्हें बेदखल नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को इस संबंध में आदेश दिए थे। इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार को कोर्ट ने फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि अब तक सोते क्यों रहे। इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।
दरअसल केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदिवासियों को जंगलों से हटाने से संबंधी फैसले पर रोक लागने की मांग की गई थी। जिस पर सुनवाई के करते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया।
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बता दें कि 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 16 राज्यों के करीब 11.8 आदिवासियों के जमीन पर कब्जे के दावों को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश दिया था कि वो अपने कानूनों के मुताबिक आदिवासियों से जमीन खाली कराएं। कोर्ट ने 16 राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी कर कहा था कि वे 24 जुलाई से पहले हलफनामा दायर कर बताएं कि उन्होंने तय समय में जमीनें खाली क्यों नहीं कराईं।
बता दें कि कानून के तहत ऐसे आदिवासियों को वन भूमि पर कब्जे का अधिकार होता है जो 31 दिसंबर 2005 से पहले कम से कम तीन पीढ़ियों से वहां रह रहे हों। उनकी दावों की जांच का अधिकार जिला कलक्टेर की अध्यक्षता वाली समिति और वन विभाग के अधिकारियों के सदस्य करते हैं। लेकिन ऐसे आदिवासियों जो इसकी सबूत नहीं दे पाए उन्हें जमीन खाली करने के आदेश दिए गए थे। जिस पर फिलहाल कोर्ट ने रोक लगा दी है।
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