ताजहमल सरंक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को एक बार फिर से फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को चार हफ्ते के अंदर विजन डॉक्यूमेंट कोर्ट में देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने ताजमहल को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि हम सरकार की किसी गतिविधि का विरोध नहीं करते, लेकिन उस जगह को लकर हम चिंतित हैं। साथ ही कोर्ट ने बिना विजन डॉक्यूमेंट के उत्तर प्रदेश सरकार की किसी और अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट के बाद ही मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि ताज महल को संरक्षित और सुरक्षित रखने के विजन डॉक्यूमेंट कोर्ट में दे। साथ ही दो महीने के भीतर अंतरिम रिपोर्ट दाखिल कर बताए कि आगरा को हैरिटेज सिटी घोषित कर सकते हैं या नहीं? ताजमहल सरंक्षण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही।
दरसअल, पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से ताजमहल को सदियों तक संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए विजन डॉक्यूमेंट मांगा था।
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बता दें, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को ताज सरंक्षण के लिए विजन डाक्यूमेंट दाखिल करने का वक्त 15 नवंबर 2018 तक बढा दिया था। यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया था कि उसके लिए ये मुश्किल है कि पूरे आगरा को हेरिटेज सिटी घोषित किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कहा कि वो ताजमहल के आसपास के क्षेत्र को हेरिटेज घोषित करने पर विचार करे।
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