महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बीजेपी-अजित पवार गठबंधन के लिए करारा तमाचा करार देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दोनों पर 'जनादेश को बंधक बनाने' का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम पांच बजे तक बहुमत परीक्षण कराने के आदेश दिए हैं। इसके बाद सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट किया, "सुप्रीम कोर्ट का निर्णय BJP-अजित पवार की अवैध सरकार को तमाचा है, जिन्होंने जनादेश को बंधक बना रखा था। 'फ्लोर टेस्ट' को टाल चोर दरवाजे से सत्ता हथियाने वालों की उल्टी गिनती शुरू हुई। संविधान दिवस पर असंवैधानिक ताकतों को शिकस्त मिली और सत्य की जीत हुई।"
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार को बुधवार पांच बजे तक सदन में बहुमत साबित करने के लिए एक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। विपक्षी पार्टियों का पक्ष सुनने के बाद, न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ का मत था कि चूंकि विधायकों ने शपथ नहीं ली है, इसलिए 27 नवंबर को यथाशीघ्र फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि एक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा और फ्लोर टेस्ट गुप्त मतदान द्वारा नहीं किया जाएगा और कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा। महाराष्ट्र में अब सभी की नजरें प्रोटेम स्पीकर बनने वाले चेहरे पर टिकी हैं।
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नियम-कायदे कहते हैं कि सदन के सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए। अमूमन प्रोटेम स्पीकर का काम सदस्यों को शपथ दिलाना होता है। जबकि फ्लोर टेस्ट स्पीकर के सामने होता है। मगर कुछ परिस्थितियों में कोर्ट के आदेश पर प्रोटेम स्पीकर के सामने भी फ्लोर टेस्ट होता है। ऐसा पूर्व में भी होता आया है।
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने 17 वरिष्ठ विधायकों की सूची राजभवन को भेजी है। सूची में शामिल तीन BJP विधायकों में हरिभाऊ बागड़े, बबनराव पाचपुते और कालिदास कोलंबकर हैं। इसमें हरिभाऊ पिछली विधानसभा में स्पीकर रह चुके हैं।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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