सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में खाली पड़े पदों को लेकर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने इन रिक्त पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने को लेकर दिशा निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्य सूचना आयुक्त का पद एक उच्च पद है और इसके लिए नियुक्ति प्रक्रिया मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया जैसी ही होनी चाहिए।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि आयोग में सभी रिक्त स्थानों पर दो महीने पहले ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। कोर्ट ने सीआईसी और राज्य सूचना आयोगों की रिक्तियों पर भी संज्ञान लिया और इन पर छह महीने के भीतर ही नियुक्तियां करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज, कमोडोर लोकेश बत्रा (सेवानिवृत्त) और अमृता जौहरी की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि सूचना आयुक्तों के पद रिक्त होने की वजह से केन्द्रीय सूचना आयोग में 23,500 शिकायतें लंबित हैं।
सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने कहा कि सीआईसी में सूचना आयुक्तों के तौर पर नियुक्तियों के लिए केन्द्र नौकरशाहों के अलावा अन्य क्षेत्रों के प्रमुख लोगों के नामों पर भी विचार करे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों को मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों में पारदर्शिता बरतने की सलाह दी थी। साथ ही खोज समितियों और आवेदकों के विवरण वेबसाइट पर पोस्ट करने के भी निर्देश दिए थे।
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