सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम और 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान संबंधी दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। दरअसल 21 राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम और वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों को मिलाने को लेकर याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।
उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी और टीडीपी समते 21 विपक्षी दलों ने एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को इस्तेमाल हो रहे ईवीएम और वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों को मिलाने करने के आदेश दे।
याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, एनसीपी के शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, आरजेडी के मनोज झा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ. ब्रायन, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के एमके स्टालिन, सीपीएम के टीके रंगराजन, सीपीआई के एसएस रेड्डी, जेडीएस के दानिश अली, आरएलडी के अजीत सिंह और कई दूसरे दलों के नेता शामिल हैं।
इससे पहले विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों को मिलाने की मांग की थी। लेकिन चुनाव आयोग ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। आयोग ने कहा था कि इस बारे में भारतीय सांख्यिकी संस्थान से राय ली जा रही है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि फिलहाल चुनाव में एक विधानसभा सीट पर सिर्फ एक ही ईवीएम के मतों का वीवीपैट पर्चियों से मिलान किया जाता है।
Published: 15 Mar 2019, 12:32 PM IST
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Published: 15 Mar 2019, 12:32 PM IST