लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के सवर्णों को 10 फीसदी दिए गए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की तलवार लटकने लगी है। आरक्षण को अवैध बताने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने मोदी सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने कहा कि हम इस मुद्दे की पड़ताल करेंगे। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि किस आधार पर सामान्य वर्ग के सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। हालांकि कोर्ट ने फिलहाल आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चार हफ्ते के भीतर फिर इस मामले की सुनवाई होगी।
Published: 25 Jan 2019, 12:26 PM IST
यूथ फॉर इक्वालिटी नाम के एनजीओ ने 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सवर्ण आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि यह आरक्षण संशोधन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तय किए गए 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन करता है। ऐसे में इस आरक्षण को इजाजत नहीं दी जा सकती है। याचिका में सवर्ण आरक्षण को रद्द किए जाने की मांग की गई है।
Published: 25 Jan 2019, 12:26 PM IST
एनजीओं ने अपनी याचिका में ये दलीलें दी हैं:
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने से एक दिन पहले ही सवर्ण आरक्षण बिल राज्यसभा से पास हुआ था। बाद में राष्ट्रपति ने विधेयक पर मुहर लगा दी थी।
Published: 25 Jan 2019, 12:26 PM IST
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Published: 25 Jan 2019, 12:26 PM IST