वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने भूषण को 15 सितंबर तक 1 रुपये का जुर्माना जमा कराने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें तीन महीने की सजा होगी और 3 साल तक के लिए वकालत पर रोक लग जाएगी।
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गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 अगस्त को भूषण को न्यायापालिका के खिलाफ उनके दो अपमानजनक ट्वीट के लिए उन्हें आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था। 24 अगस्त को वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अपने उन दो ट्वीट के लिए सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगने से इनकार कर दिया था जिसके लिए उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया। भूषण ने कहा कि था कि उनके ट्वीट उनके विश्वास का प्रतीक हैं, ऐसा विश्वास जो अभी भी उनके पास है। सुप्रीम कोर्ट में सप्लीमेंट्री बयान में भूषण ने कहा था कि, मेरे ट्वीट मेरे विश्वास को दर्शाते हैं। ये विश्वास अभी भी मेरे पास है। एक नागरिक और इस कोर्ट के एक वफादार ऑफीसर के रूप में मेरे दायित्वों के अनुरूप हैं। इसलिए, इन मान्यताओं की अभिव्यक्ति के लिए माफी, सशर्त या बिना शर्त, मेरे विवेक और इस संस्था के खिलाफ होगी, जिसे मैं बहुत ऊंचा स्थान देता हूं।
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वहीं 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी करार दिए गए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। भूषण की ओर से दलील पेश करते हुए अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ये चाहे तो कह सकता है कि वो प्रशांत भूषण से सहमत नहीं है और भूषण आगे से बयान जारी करने से पहले सोचें और विचार करें। जस्टिस मिश्रा ने भूषण से कहा, डॉ. धवन हम आपका धन्यवाद करते हैं। प्रशांत भूषण ने भी अपने बयान के एक हिस्से में अदालत को सम्मान दिया है।
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