सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग पर सुनवाई करते हुए एक बार फिर चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि लोगों को कानून अपने हाथ में लेने से रोकना होगा। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे अपने आधिकारिक वेबसाइटों पर मॉब लिंचिंग के खिलाफ दिशा निर्देश जारी करें।
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सुनवाई के दौरान 16 राज्यों ने कोर्ट में मॉब लिंचिंग को लेकर स्टेटस रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने बाकी के राज्यों को मॉब लिंचिंग से जुड़े दिशा निर्देशों को लागू करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनावई 13 सितंबर को होगी।
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पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने में आए दिन देश में होने वाली मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि मॉब लिंचिंग एक अपराध है। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है और इस तरह की घटनाओं पर काबू पाना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है।
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