सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में हुए गुजरात में नरोदा पाटिया दंगे के मुख्य दोषी बाबू बजरंगी को गुरूवार को जमानत दे दी है। जानकारी के मुताबिक बाबू बजरंगी के बिगड़ते स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर उसे यह जमानत दी गयी है। 2002 में गुजरात के नरोदा पाटिया दंगों के दौरान हुए नरसंहार में बाबू बजरंगी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गुजरात पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि बाबू बजरंगी की शारीरिक हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। जिसके चलते उनकी ओर से अदालत में पेश हुए वकील ने कोर्ट से बाबू की जमानत के लिए अनुरोध किया था। पुलिस के मुताबिक बाबू बजरंगी को दिल की कई बीमारिया हैं। इसके अलावा उसके सुनने और देखने की शक्ति बहुत ही कमजोर हो गयी है। बाबू बजरंगी के अलावा इस केस में सजा काट रहे हरीश और सुरेश लंगड़ा को भी कोर्ट ने जमानत दे दी है।
गौरतलब है की 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में दंगाइयों ने साबरमती एक्सप्रेस की कुछ बोगियों को आग के हवाले कर दिया था। उसके अगले ही दिन यानि 28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया इलाके में साबरमती एक्सप्रेस में मरे लोगों का बदला लेने के लिए एक बहुत बड़ा नरसंहार हुआ था। जिसमें लगभग 97 लोगों की हत्या कर दी गयी और 30 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। इस मामले की जांच करते हुए स्पेशल कोर्ट ने बीजेपी विधायक माया कोडनानी और बाबू बजरंगी सहित 32 लोगों को सजा सुनाई थी।
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