कर्नाटक के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 17 धोखेबाज विधायकों को आयोग्य ठहराया है। हालांकि कोर्ट ने इन सभी अयोग्य विधायकों को चुनाव लड़ने की इजाजत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “इस्तीफा देने सेस्पीकर के अधिकार खत्म नहीं हो जाते हैं। हम स्पीकर के आदेश को कायम रखते हैं। हालांकि अयोग्यता के मामले में विधायकों को अपना पक्ष रखना का मौका मिलना चाहिए।”
बता दें कि पिछले दिनों कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद कुमारस्वामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी और उन्हें अपने सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कुमारास्वामी के इस्तीफे के बाद बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी। तब बीजेपी पर यह इल्जाम लगा था कि इन बागी विधायकों से पैसे के दम पर इस्तीफा दिलाया गया है।
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उस समय सभी बागी विधायकों को झटका देते हुए विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने उन्हें अयोग्य घोषित करार दिया था। स्पीकर ने कहा था, “बागी विधायकों कोअयोग्य घोषित करने में मैंने कोई ड्रामा नहीं किया, बल्कि बेहद सौम्य तरीके से यह फैसला लिया है।” बाद में कोर्ट में सुनवाई के बाद बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
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इन विधायकों को किया गया था अयोग्य घोषित
विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के आनंद सिंह, एमटीबी नागराज,बीसीपाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, डॉ. सुधाकर, शिवराम हेब्बार,बैराठीबसवराज, मुनिरत्न, एसटी सोमशेखर, रोशन बेग और श्रीमंत पाटिल को अयोग्यग्झोषित किया था। इसके अलावा जेडीएस के 3 बागी विधायकों के. गोपालैया, नारायणगौड़ा, एएच विश्वनाथ की सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।
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बता दें कि कर्नाटका में इन्हीं अयोग्य विधायकों की खाली सीटों पर उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होगा। उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे।
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