मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा के चयनित अन्य पिछड़ा वर्ग के परीक्षार्थियों के नियुक्ति पत्र जारी न किए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। चयनित परीक्षार्थियों ने नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर डीपीआई कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाया है। राज्य में पिछले वर्षों में हुई प्राथमिक शिक्षक वर्ग 3 परीक्षा के सफल परीक्षार्थियों को नियुक्ति न दिए जाने के आरोप लंबे अरसे से लग रहे हैं।
इसी के चलते राज्य के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे परीक्षार्थियों ने लोक शिक्षण संचालनालय के सामने प्रदर्शन किया और नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग की। छात्रों का आरोप है कि उनकी नियुक्ति के आदेश जारी नहीं किए जा रहे है।
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कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए कहा कि, सीएम शिवराज अपने आपको ओबीसी हितैषी बताते हैं। मगर उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा प्रताड़ित दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग ही रहा है। ओबीसी वर्ग तीन के चयनित शिक्षक भोपाल में डीपीआई के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि सरकार उन्हें ज्वाइनिंग नहीं दे रही है।
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कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने पिछले वर्ग के परीक्षार्थियों के हितों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि, प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पिछले 18 वर्ष में ओबीसी वर्ग के खिलाफ काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
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ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुझसे शिकायत की है कि प्राथमिक शिक्षक वर्ग तीन परीक्षा 2020 की द्वितीय काउंसलिंग में 800 से अधिक ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र रोक लगा दी हैं। यह सभी अभ्यर्थी भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर धरना दे रहे हैं।
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस शिकायत पर गंभीरता पूर्वक विचार करें। ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय बंद करें और न्यायोचित ढंग से योग्य व्यक्तियों को नियुक्तियां दें।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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