नेताजी के नाम से मशहूर सुभाष चंद्र बोस को उनकी 121वीं जयंती पर पूरे देश ने याद किया। इस मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित किए गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। ओडिशा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर लोगों ने याद किया। बोस के कटक स्थित जन्मस्थान ओडिया बाजार में उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कटक स्थित नेताजी संग्रहालय का दौरा किया और जानकीनाथ भवन जाकर नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को इसी भवन में हुआ था।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट करते हुए कहा, "महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अनुकरणीय देशभक्त और ओडिशा के बेटे को नेताजी सुभाष चंद्र बोस को मेरा सलाम और दिल से श्रद्धांजलि।" उन्होंने लिखा, "मातृभूमि के लिए उनका अमिट प्रेम और देश की आजादी के लिए उनकी कुर्बानी और उनका साहस सतत रूप से राष्ट्र निर्माण में हमारा मार्गदर्शन करता आया है।"
Published: 23 Jan 2018, 8:23 PM IST
नवीन पटनायक ने ओडिशा विधानसभा परिसर में वीर सुरेंद्र साई को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई और आदिवासी समुदाय को हक दिलाने के लिए उनका संघर्ष महान है।
Published: 23 Jan 2018, 8:23 PM IST
सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया, “सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर हम याद करते हैं। एक देशभक्त, जो आज भी हम सभी को प्रेरित करते हैं।”
Published: 23 Jan 2018, 8:23 PM IST
सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर बीजेपी ने भी याद किया। बीजेपी ने ट्वीट किया, “भारत की आजादी के लिए संघर्ष कने वाले सबसे बड़े देशभक्त नेता सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर शुभकामनाएं।”
Published: 23 Jan 2018, 8:23 PM IST
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने केंद्र सरकार से सुभा षचंद्र बोस की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की है।
Published: 23 Jan 2018, 8:23 PM IST
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, “स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व हैं, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि भारत सरकार स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करें।”
Published: 23 Jan 2018, 8:23 PM IST
भारत की आजादी का सपना देखने वाले सुभाष चंद्र बोस ने देश के युवाओं में आजादी की अलख जगाई। वे 24 साल की उम्र में इंडियन नेशनल कांग्रेस से जुड़ गए। बाद में उन्होंने अलग अपना एक दल बना लिया। इस दल में सुभाष चंद्र बोस ने खास तौर पर युवाओं को शामिल किया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस शुरू से ही अपने मुखर व्यवहार के लिए जाने जाते रहे हैं। उनका मानना था कि ब्रिटिश सरकार को भारत से भगाने के लिए गांधी की अहिंसा की नीति काम की नहीं है। एक तरफ जहां वे गांधी जी के विचारों से असहम थे, वहीं वे व्यक्तिगत तौर पर महात्मा गांधी को काफी पसंद भी करते थे। यह बात कम लोग ही जानते हैं कि सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता बुलाने वाले सबसे पहले व्यक्ति थे। बोस ने रंगून के रेडियो चैनल से महात्मा गांधी को संबोधित करते हुए पहली बार राष्ट्रपिता कहा था। बाद में दूसरे लोग भी गांधी जी को राष्ट्रपिता बुलाने लगे।
सुभाष चंद्र बोस ने कई बार ब्रिटिश सरकार को अपनी योजनाओं से चकित किया। एक ऐसा ही वाकया उनके नजरबंद रहने के दौरान का है जब सुभाष चंद्र बोस सभी को चकमा देकर काबुल के रास्ते जर्मनी पहुंच गए थे। भारत को आजादी दिलाने के लिए उन्होंने पहले जर्मनी और फिर पूर्वी एशिया में रहते हुए अपनी अलग सेना बनाई। और अपनी सेना को उन्होंने आजाद हिंद फौज का नाम दिया। आजादी के आंदोलन से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए उन्होंने आजाद हिंद रेडियो स्टेशन की स्थापना भी की।
Published: 23 Jan 2018, 8:23 PM IST
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Published: 23 Jan 2018, 8:23 PM IST