विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के छात्र संगठनों ने मंगलवार को नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं को लेकर बीजेपी नीत केंद्र की आलोचना की और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए सभी 24 लाख उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित किये जाने की अपनी मांग दोहरायी।
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यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) सहित समाजवादी छात्र सभा और कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) सहित छात्र संगठनों के राष्ट्रीय नेताओं ने आरोप लगाया कि नीट-यूजी में धांधली के कारण लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में है।
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छात्रों ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को खत्म करने और परीक्षा में पेपर लीक और भ्रष्टाचार की कथित घटनाओं को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की भी मांग की।
एनटीए ने सोमवार को 1,563 अभ्यर्थियों के परिणाम जारी किए, जो पांच मई को छह केंद्रों पर परीक्षा देरी से शुरू होने के कारण समय की हानि की भरपाई के लिए दोबारा परीक्षा में शामिल हुए थे।
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पांच मई की परीक्षा में 720 अंक लाने वाले पांच उम्मीदवारों में से कोई भी दोबारा हुई परीक्षा में उतने अंक हासिल नहीं कर पाया। संशोधित परिणामों में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शीर्ष रैंक साझा करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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