उदयपुर में एक दर्जी की दर्दनाक हत्या के एक दिन बाद जमीयत उलेमा हिंद ने इसे 'गैर-इस्लामी' करार दिया और पैगंबर के नाम पर हत्या की निंदा करते हुए अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने वालों की गिरफ्तारी की मांग की। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, "उदयपुर की घटना एक बहुत ही दुखद, गैर-इस्लामी और अमानवीय कृत्य है। राज्य का कानून इस मामले में भी उसी के अनुसार काम करेगा। जैसा कि हमने कई जगहों पर मॉब लिंचिंग का विरोध किया, हम भी इस अमानवीय कृत्य को कानून-व्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक मानते हैं। हम हमेशा कानून को अपने हाथ में लेने के खिलाफ हैं।"
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मौलाना मदनी ने कहा कि पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के कारण जो कुछ भी हुआ वह बुरा था, लेकिन देश में कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सहिष्णुता और धैर्य दिखाना आवश्यक है।
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उन्होंने कहा कि जिस तरह हम इस घटना का विरोध करते हैं, वैसे ही हम किसी भी धार्मिक शख्सियत की गरिमा का अपमान करने या किसी धर्म को मानने वालों की भावनाओं को आहत करने के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का कड़ा विरोध करते हैं।
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मौलाना मदनी ने कहा कि देश में शक्तिशाली लोगों की चुप्पी और अपराधियों को गिरफ्तार न करने से दुनिया भर में देश की छवि खराब हुई है। उन्होंने कहा, "हम एक बार फिर से सरकार से मांग करते हैं कि पैगंबर का अपमान करने वालों को तुरंत गिरफ्तार करें और उन्हें कानून के अनुसार कड़ी सजा दें ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा करने की हिम्मत न करे, साथ ही दुनिया भर के मुसलमानों को शांति मिल सके।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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