प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार शाम को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र को संबोधित किया। अपना भाषण महात्मा गांधी के जिक्र से शुरू करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी जी का शांति का संदेश आज भी पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि वह ऐसे देश के वासी हैं, जिसने युद्ध नहीं बल्कि बुद्ध दिए हैं। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, उनके लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि ये अवसर इसलिए भी खास है क्योंकि इस साल पूरी दुनिया महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है।
अपने लगभग 15 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने पूरी दुनिया के सामने भारत के आम चुनावों में उनकी पार्टी की जीत की कहानी बयान की। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने उनकी सरकार और उन्हें वोट दिया, जिससे वह एक बड़े बहुमत के साथ सत्ता में फिर से आए और उसी जनादेश की वजह से वह आज वहां संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहुंचे हैं।
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पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत दुनिया को जन कल्याण से जग कल्याण का मंत्र दे रहा है। उन्होंने अपने भाषण में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक समेत जल संचयन पर विशेष जोर देते हुए कहा, “मैं जब यहां आ रहा था, तब मैंने यूएन की दीवारों पर पढ़ा- प्लास्टिक का अब और इस्तेमाल नहीं। मुझे बताते हुए बेहद प्रसन्नता है कि देश को प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए हम बड़े स्तर पर अभियान चला रहे हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मंच से स्वास्थ्य और गरीबी जैसे मुद्दों को भी उठाया और कहा कि साल 2022 में अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक उनकी सरकार गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि 5 साल में उनकी सरकार जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही आने वाले 5 साल में 15 करोड़ घरों के जलापूर्ति करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया ने भले 2030 तक टीबी से मुक्ति का लक्ष्य रखा हो, लेकिन वह 2025 तक उनकी सरकार भारत को टीबी मुक्त करने के लिए काम कर रही है।
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पीएम मोदी ने अपने भाषण में आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद बड़ी चुनौती है और इससे निपटने के लिए सभी देशों को एकजुट होना होगा। साथ ही उन्होंने देश की महान संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, एक हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं। ये परंपराएं वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। उन्होंने कहा कि इसीलिए भारत का प्राण तत्व जनभागीदारी से जनकल्याण है। और ये जनकल्याण सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि जगकल्याण के लिए हो।
बता दें कि पीएम मोदी अपना भाषण देकर महासभा से फौरन निकल गए। उनके थोड़ी ही देर बाद पाकिस्तनी प्रधानमंत्री इमरान खान का संबोधन होना था। महासभा में पीएम मोदी का संबोधन चौथे नंबर पर था, जबकि इमरान खान को सातवें नंबर पर भाषण देना था। पीएम मोदी से पहले महासभा को मॉरिशस के राष्ट्रपति और इंडोनेशिया के उपराष्ट्रपति ने भी संबोधित किया।
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