कर्मचारी चयन आयोग की एसएससी परीक्षा में प्रश्नपत्रों के लीक होने पर पिछले चार दिन से जारी बेरोजगार युवाओँ के प्रदर्शन पर चौतरफा सियासत बढ़ने से घबराए आयोग ने आखिरकार घुटने टेक दिए और इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। एसएससी प्रमुख असीम खुराना ने एक बयान में कहा कि कथित पेपर लीक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अर्भ्यिथयों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था और एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने 17 से 22 फरवरी के बीच हुई परीक्षा में प्रश्नपत्रों के लीक होने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। बयान में कहा गया है कि आयोग ने 21 फरवरी को हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र-1 के प्रश्न लीक होने से जुड़े आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से करने पर सहमति जताई है।
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इस बीच एसएससी का एक और कारनामा उजागर हुआ है। प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं के मुताबिक एसएसी ने पूरी परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओँ का मूल्यांकन होने से पहले ही नतीजों का ऐलान कर दिया। प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि नियमों को ताक पर रखते हुए मल्टी टास्किंग की परीक्षा में मूल्यांकन के बीच में ही क्वालिफाइंग नंबर यानी पास होने के अंक तक जारी कर दिए गए, जबकि नियम के हिसाब से पिछले चार साल में क्वालिफाइंग नंबर तब जारी हुए थे, जब सभी कॉपियों का मूल्यांकन कर लिया जाता था।
एसएससी परीक्षा में करीब 15 लाख फॉर्म भरे जाते हैं। इनमें बड़ी संख्या बीटेक, एमए, एमबीए कर रहे या कर चुके युवाओं की होती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई ऐसे युवा हैं जो परीक्षा के पेपर-1 में पास हो चुके थे, लेकिन पेपर 2 के कॉपी का मूल्यांकन पूरा होने से पहले ही क्वालीफाइंग अंक जारी कर दिए गए। इतना ही नहीं कॉपी मूल्यांकन के बीच में ही बहुत से उम्मीदवारों को दस्तावेजों के प्रमाणीकरण यानी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुला लिया गया। एसएससी के इस कदम से पेपर-1 में सिलेक्ट हो चुके करीब डेढ़ लाख उम्मीदवार परेशान हैं।
उम्मीदवारों का कहना है कि 21 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी करते हुए एसएससी ने बताया कि 10,302 सीटों के लिए पेपर-1 के 23,511 छात्रों को डॉक्यूमेंटेशन के लिए बुलाया गया है और इन्हीं में से चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। एसएससी के इतिहास में यह पहला मौका था जब कॉपी मूल्यांकन प्रक्रिया के बीच में अनुमानित रिजल्ट घोषित कर दिया गया।
युवाओँ का आरोप है कि कोचिंग इस्टीट्यूट और एसएससी के अफसरों ने मिलकर घोटाले किये है, लिहाजा इनकी जांच होनी चाहिए। 17 से 22 फरवरी के बीच हुई एसएससी की परीक्षा में कथित तौर पर आंससशीट लीक हो गया था इसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गये थे। इसके बाद उम्मीदवारों ने धरना प्रदर्शन शुरु किया था।
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