अब जल्द ही पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार से जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ने की योजना पर काम रही है। सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी सड़क सुरक्षा समिति ने दी है। समिति ने सुप्रीम कोर्ट को ऐसे वक्त में इस बात की जानकारी दी है, जब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ आधार योजना और इससे संबंधित कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही है।
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फर्जी लाइसेंस की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ने की प्रकिया पर विचार कर रही है। सड़क सुरक्षा समिति ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस संबंध में उसने बीते साल, 28 नवंबर को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव के साथ इसे लेकर विचार विमर्श किया था। सड़क सुरक्षा समिति के मुताबिक, संयुक्त सचिव ने बताया कि एनआईसी ‘सारथी-4’ साफ्टवेयर तैयार कर रहा है, जिसके जरिए सभी लाइसेंस आधार से जोड़े जाएंगे। इस योजना के लागू होने के बाद फर्जी लाइसेंस देश के किसी भी हिस्से से लेना मुमकिन नहीं होगा।
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सड़क सुरक्षा समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया गया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और दूसरे प्राधिकारियों के साथ 22 और 23 फरवरी को एक अहम बैठक होगी। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर अमल के बारे में विचार किया जाएगा।
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सड़क सुरक्षा से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि देश में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौत में कमी आई है। 2016 के मुकाबले 2017 में मौत का आंकड़ा 3 फीसदी घटा है। अब मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते में होगी।
Published: 08 Feb 2018, 1:04 PM IST
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Published: 08 Feb 2018, 1:04 PM IST