भारत में कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं और सरकार की ओर से इस महामारी से निपटने के लिए कई कड़े फैसले उठाए जा रहे हैं। लेकिन समय समय में विपक्ष भी अपना फर्ज निभा रहा है। विपक्ष की ओर से लगातार सरकार को कई तरह के सुझाव देती रही है। कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच एक बार फिर कांग्रेस को गरीबों की चिंता सताने लगी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुझाव दिए हैं।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार से अपील की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को सितंबर 2020 तक सरकार मुफ्त अनाज मुहैया कराए। सोनिया गांधी ने अपील की है कि जो गरीब खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं आते हैं उन्हें भी सरकार सितंबर तक अनाज उपलब्ध कराए। इस वक्त नरेंद्र मोदी सरकार ने जून महीने तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है।
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सोनिया गांधी ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अप्रैल से जून तक प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त मुफ्त अनाज देने का फैसला प्रशंसनीय है। लेकिन लॉकडाउन की असर और इसके लंबे प्रभाव की वजह से वे सरकार को कुछ सुझाव देना चाहती हैं। सोनिया ने कहा कि सबसे पहले तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभुकों को 10 किलो प्रति व्यक्ति अनाज देने की समय सीमा को 3 महीने के लिए और यानी कि सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया जाना चाहिए। सोनिया ने कहा कि गरीबों के सामने मौजूद आर्थिक दुश्वारी को देखते हुए सरकार चाहे तो उन्हें मुफ्त अनाज दे सकती है।
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अपने दूसरे सुझाव में सोनिया गांधी ने कहा है कि कई ऐसे लोग है तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं आते हैं, ऐसे लोगों को प्रति व्यक्ति 10 अनाज के हिसाब से अगले 6 महीने तक मुफ्त अनाज दिया जाना चाहिए। सोनिया ने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जिनके सामने भोजन की चिंता है, लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं है। सोनिया ने कहा कि प्रवासी मजदूर जो कि अपने राज्यों से दूर हैं, हो सकता है कि उन्हें खाद्यान्न की समस्या आ रही हो, इसके अलावा कई गरीब लोगों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं।
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कोरोना संक्रमण का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मौजूदा संकट की वजह से कई ऐसे लोगों के सामने भी खाने-पीने का संकट पैदा हो गया है, जो पहले इसे स्वयं हासिल करने में सक्षम थे। सोनिया ने कहा कि 2011 के बाद आबादी में लगातार बढ़ोतरी हुई है, बावजूद इसके राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राज्यों का कोटा इसमें बढ़ाया नहीं गया है।
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गौरतलब है कि सोनिया गांधी ने इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अहम सुझाव दिए थे। जिनपर तुरंत अमल करने की अपील की थी। 7 अप्रैल को लिखे इस पत्र में सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती करने के फैसले का समर्थन किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री के सामने 5 सुझाव भी रखे हैं
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