मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने दुख जताया है। सोनिया गांधी ने एक बयान जारी कर कहा कि सीताराम येचुरी भारत की विविधता की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प थे और धर्मनिरपेक्षता के एक शक्तिशाली चैंपियन थे।
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सोनिया गांधी ने कहा, "सीताराम येचुरी जी के निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है। हमने 2004-08 के दौरान मिलकर काम किया था और तब से जो दोस्ती स्थापित हुई थी, वह उनके अंतिम समय तक जारी रही।"
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उन्होंने कहा, "वे हमारे देश के संविधान के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग थे, जो इसकी प्रस्तावना में भी बहुत ही सशक्त रूप से अंकित है। वे भारत की विविधता की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प थे और धर्मनिरपेक्षता के एक शक्तिशाली चैंपियन थे। बेशक, वे आजीवन कम्युनिस्ट थे, लेकिन उनका विश्वास लोकतांत्रिक मूल्यों में निहित था। वास्तव में, संसद में उनका बारह साल का कार्यकाल यादगार था और उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी।"
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सोनिया गांधी ने येचुरी को याद करते हुए कहा कि, "उन्होंने यूपीए-1 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हाल ही में 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इंडिया गठबंधन के उभरने में बहुत बड़ा योगदान दिया। उनकी कमी बहुत खलेगी।"
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