सीबीआई में जारी घमासान के बीच राफेल विमान डील पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर की गई है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की ओर से दायर इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में राफेल सौदे की जांच की मांग की गई है। तीनों ने अपनी याचिका में यह भी मांग की है कि मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों का जांच के दौरान तबादला न किया जाए।
याचिका में मांग की गई है कि सीबीआई को सौंपी गई उनकी शिकायत के आधार पर राफेल डील मामले में एफआईआर दर्ज हो और उसकी जांच कोर्ट की निगरानी में हो। इसके साथ ही मांग की गई है कि केंद्र सरकार को जांच में शामिल सीबीआई अधिकारियों के ट्रांसफर नहीं करने के निर्देश दिए जाएं।
गौरतलब है कि 4 अक्टूबर को प्रशांत भूषण यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से मुलाकात कर राफेल डील से जुड़े ऑफसेट ठेके में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। उसके बाद से केंद्र सरकार की नजरों में आलोक वर्मा को बीती रात सीबीआई निदेशक के पद से हटाने के बाद बदली हुई परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि उनकी शिकायत की वजह से सीबीआई पर काफी दबाव था, जिस वजह से अब तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
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बता दे कि राफेल डील को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में पहले से ही दायर एक दूसरी याचिका पर 10 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से 29 अक्टूबर तक सीलबंद लिफाफे में राफेल विमान डील की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर की तारीख तय की गई है।
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