किसान आंदोलन बुधवार को 21वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच एक 65 वर्षीय किसान ने सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर आत्महत्या कर ली। पीड़ित की पहचान हरियाणा के करनाल जिले के सिंघरा गांव के बाबा राम सिंह के रूप में हुई है।
Published: 16 Dec 2020, 8:48 PM IST
किसान ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह किसानों की दुर्दशा को देख नहीं सकते, जो हाल ही में पारित कृषि बिल के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। बहुत दिल दुखा है। सरकार न्याय नहीं दे रही। जुल्म है। जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है।
Published: 16 Dec 2020, 8:48 PM IST
संत बाबा राम सिंह आगे लिखते हैं कि किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया। कइयों ने सम्मान वापस किए। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।
Published: 16 Dec 2020, 8:48 PM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ 21 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसानों में कई दौर की वार्ता हो चुकी। सभी बेनतीजा रहीं। किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं, सरकार संशोधन करने को तैयार है, लेकिन किसान इस प्रस्ताव को ठुकरा रहे हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 16 Dec 2020, 8:48 PM IST
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Published: 16 Dec 2020, 8:48 PM IST