बीजेपी की परंपरागत सहयोगी मानी जाने वाली शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र सामना में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा पिछले सप्ताह देश के अलग-अलग शहरों से 5 सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किये जाने पर सवाल उठाया है। शिवसेना ने कहा कि गिरफ्तारी के पीछे पुलिस का तर्क हास्यास्पद है। महाराष्ट्र पुलिस ने दावा किया था कि इन सामाजिक कार्यकर्ताओं कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकारों को उखाड़ फेंकने और पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या की शैली में प्रधानमंत्री मोदी की हत्या करने की साजिश रची थी। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' में छपे आलेख में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी निडर और साहसी नेता थे। यह उनका साहस था, जिसके चलते उन्होंने जान गंवाई लेकिन मोदी इस तरह का साहस कभी नहीं दिखाएंगे।
शिवसेना ने कहा कि मोदी को पहले से ही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा प्राप्त है, जिसमें परिंदा भी पर नहीं मार सकता और उनकी सुरक्षा में सेंध नहीं लगा सकता। पुणे पुलिस को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए और सरकार को भी उन्हें इस तरह के मूर्खतापूर्ण बयान देने से रोकना चाहिए। पुलिस के तर्क को खारिज करते हुए महाराष्ट्र सरकार में शामिल शिवसेना ने कहा कि अगर मुट्ठीभर वामपंथियों में इतनी राजनीतिक ताकत होती तो वे पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मणिपुर आदि में अपनी सरकारें नहीं गंवाते।
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वहीं सोमवार को ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र पुलिस के प्रेस कांफ्रेंस पर सवाल उठाया। कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से पूछा कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन है, उसके बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों आयोजित की गई। बता दें कि बीते शुक्रवार को महाराष्ट्र पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) परमबीर सिंह ने पुणे पुलिस के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया था कि रोना विल्सन और एक सीपीआई माओवादी नेता के बीच ईमेल पर भेजे गए पत्र में राजीव गांधी जैसी घटना के जरिये मोदी राज के खात्मे की बात की गई थी।
गौरतलब है कि बीते दिनों महाराष्ट्र पुलिस ने देश के अलग अलग शहरों में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, वकील के घर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में पुलिस ने कवि वरवर राव, सामाजिक कार्यकर्ता वर्नोन गोन्जाल्विस, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वकील सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया था।
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