शिवसेना ने राष्ट्रगान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर सहयोगी दल बीजेपी पर निशाना साधा है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि ‘भक्त’ और आरएसएस राष्ट्रवाद पर अपना रूख स्पष्ट करें। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाना वैकल्पिक है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में व्यंग्यात्मक तरीके से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को क्रांतिकारी बताया गया है। सामना अखबार में कहा गया है, “केंद्र ने कहा कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाना महत्वपूर्ण नहीं है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही फैसले पर यू-टर्न ले लिया। आरएसएस और दूसरे राष्ट्रवादी संगठनों का इस पर क्या रूख है।” अखबार में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन लोगों के लिए झटका है जिन्होंने मोदी सरकार में यह रुख अपनाया था कि वंदे मातरम् गाने वाले लोग राष्ट्रवादी हैं, और जो नहीं गाते हैं वे देशद्रोही हैं। अखबार में राष्ट्रगान पर सरकार के रूख को कायरतापूर्ण बताया गया है, और यह कहा गया है कि राष्ट्रवाद की परिभाषा हर दिन बदल रही है।
शिवसेना ने गोवा की मनोहर पर्रिकर और उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार की चुटकी ली है। शिवसेना ने कहा कि अब तक यह कहा जाता रहा है कि जो लोग गायों की रक्षा करते हैं वे राष्ट्रवादी हैं और जो बीफ खाते हैं वे देशद्रोही हैं। लेकिन बीजेपी शासित गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि राज्य में बीफ पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सामना के लेख में उत्तर प्रदेश के मदरसों का जिक्र भी किया गया है। लेख में कहा गया है कि यूपी के मदरसों में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें लगाना अनिवार्य बना दिया गया है, लेकिन अभी तक राष्ट्रगान के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
Published: 12 Jan 2018, 5:12 PM IST
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Published: 12 Jan 2018, 5:12 PM IST