सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने सरकार पर हमला करते हुए कहा, “भगोड़ा घोटालेबाज नीरव मोदी को भारतीय रिजर्व बैंक का गर्वनर बनाया जाना चाहिए, ताकि वह देश को बर्बाद कर सके।” पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले को लेकर शिवसेना ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि नीरव मोदी अपने परिवार के साथ पिछले महीने देश से फरार हो चुका है।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना और दोपहर का सामना के संपादकीय में कहा, “हालांकि, हाल ही में (जनवरी 2018 के आखिरी हफ्ते में) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दावोस में नीरव मोदी तस्वीरें खिंचवाते नजर आया था।” संपादकीय में कहा गया कि नीरव मोदी को बीजेपी समर्थक माना जाता है और चुनावों के दौरान वह पार्टी के लिए धन भी इकट्ठा करता था।
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शिवसेना ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “हालांकि, हम यह नहीं कह रहे हैं कि कि उसने पीएनबी बैंक को बीजेपी नेताओं के आशीर्वाद से लूटा या फिर इसका (लूट का) हिस्सा भी पार्टी के खजाने में गया। लेकिन, नीरव हमेशा बीजेपी की वित्तीय समृद्धि के लिए काम करता था। उसने बीजेपी को चुनाव जीतने में भारी भरकम रकम के साथ मदद की थी।”
यह पैसा राष्ट्रीय खजाने का था, जिसे उसने स्पष्ट रूप से लूट लिया। अब इस घोटाले से उजागर होता है कि प्रधानमंत्री मोदी का प्रसिद्ध नारा ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ खोखला वादा था।
शिवसेना ने कहा, “हम यह जानना चाहते हैं कि दावोस में प्रधानमंत्री से मिलने वाले उद्योगपतियों के समूह के साथ जुड़ने में वह कैसे कामयाब रहा, जब पीएनबी ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी? क्या उसका आधार कार्ड बैंक खातों से जुड़ा था? इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए।”
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आम आदमी को आधार कार्ड के बिना अस्पताल में उपचार या अंतिम संस्कार भी नहीं मिल सकता है, लेकिन नीरव मोदी जैसा आदमी बिना आधार कार्ड के भी किसी बैंक से 11,500 करोड़ रुपये बेईमानी से निकाल सकता है।
शिवसेना ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों ने भगोड़ा नीरव के ठिकानों पर छापे मारे और उन्होंने 5,100 करोड़ रुपये के हीरे और गहने की बरामदगी, लेकिन किंगफिशर एयरलाइंस का प्रमुख विजय माल्या और ललित मोदी भी देश से भागने से पहले बड़ी संपत्ति छोड़ गया था।
शिवसेना ने कहा, “कई राजनेताओं को आधी सच्चाई या झूठे आरोप में जेल भेज दिया गया, जिसमें लालू प्रसाद यादव (पूर्व रेलमंत्री व बिहार के पूर्व मुख्मंत्री) और छगन भुजबल (महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री), लेकिन कृपाशंकर सिंह की तरह नीरव भी बच निकलने में कामयाब रहा। ”
शिवसेना ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कई समृद्ध उद्योगपति बीजेपी के पीछे खड़े थे, लेकिन इस घोटाले ने उसके चरित्र को नंगा कर दिया है, जबकि यह पार्टी ‘पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार’ का दावा करती थी, लेकिन पिछले चार साल में सारे दावे हवा में उड़ते चले गए।
शिवसेना ने कहा, “इसके विपरीत, गरीब किसान, जो 100-500 रुपये तक का कर्ज नहीं चुका पाता और सूदखोर की दहशत से आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाता है। कई किसानों की जमीन जब्त कर ली जाती है, लेकिन जिस उद्योगपतियों ने देश के 1,50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम पर डाका डाला, वे सरकार के आर्शीवाद से छुट्टा घूम रहे हैं।”
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शिवसेना ने कहा कि देश विज्ञापन और छवि निर्माण के लिए प्रायोजित कार्यक्रमों के आधार पर चलाया जा रहा है और इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जब एक व्यक्ति (पूर्व-आरबीआई गवर्नर) रघुराम राजन ने देश में हो रही लूट के बारे में बात की थी, तो उसे बाहर कर दिया गया था।
शिवसेना ने संपादकीय में अपनी बात खत्म करते हुए कहा, “अब नीरव मोदी को आरबीआई का गर्वनर बना देना चाहिए, ताकि यह देश बर्बाद हो सके।”
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