अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में विपक्ष के कई नेताओं ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी कहा है कि वो इस समारोह में शामिल नहीं होंगे। उनसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी ने भी इस समारोह में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वो इस समारोह के बाद रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे।
समारोह के लिए निमंत्रण प्राप्त करने वाले 83 वर्षीय पवार ने इस मुद्दे पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को एक संक्षिप्त पत्र लिखा है, जिसमें 'दर्शन' के लिए अधिक समय के साथ बाद की तारीख में जाने का वादा किया गया है।
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पवार ने कहा, “भगवान राम न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में उनके लाखों समर्पित अनुयायियों द्वारा पूजनीय हैं। अयोध्या समारोह को लेकर राम भक्तों में काफी उत्साह है और वे बड़ी संख्या में वहां पहुंच रहे हैं। उनके माध्यम से मुझे ऐतिहासिक अवसर का आनंद भी मिलेगा।”
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हालांकि, एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि 22 जनवरी के कार्यक्रम के बाद, राम लला का उचित और आराम से 'दर्शन' करना संभव होगा।
पवार ने कहा, “मेरी कुछ कार्यक्रमों के लिए अयोध्या आने की योजना है। उस समय मैं पूरी आस्था के साथ श्री रामलला के दर्शन के लिए पर्याप्त समय निकालूंगा। उस समय तक, राम मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा।”
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उन्होंने निमंत्रण के लिए राय के प्रति आभार जताया और अगले सोमवार (22 जनवरी) को अयोध्या में होने वाले भव्य समारोह के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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