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शरद पवार ने किसानों की खराब दशा, बेरोजगारी को लेकर महायुति पर निशाना साधा, बोले- इन नेताओं को सत्ता में नहीं रहना चाहिए

शरद पवार ने ‘‘बढ़ते अपराध, महंगाई और महिलाओं के खिलाफ अन्याय’’ को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने पूछा, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों द्वारा थानों में लोगों को खुलेआम हिंसक धमकी देने जैसी घटनाएं कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता पैदा करती हैं।

शरद पवार ने महायुति पर निशाना साधा
शरद पवार ने महायुति पर निशाना साधा  

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को महाराष्ट्र की बीजेपी नीत महायुति पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस गठबंधन को कृषि की समझ नहीं है और जिसे शिक्षित बेरोजगारों की कोई चिंता नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने लातूर जिले के उदगीर में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में किसानों की उपेक्षा की जा रही है जबकि प्रमुख परियोजनाओं को गुजरात की ओर ले जाया जा रहा है।

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शरद पवार की पार्टी ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी राकांपा के संजय बनसोडे के खिलाफ सुधाकर भालेरो को मैदान में उतारा है। बनसोडे की पार्टी का नेतृत्व उनके भतीजे एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार कर रहे हैं।

एनसीपी (एसपी) प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र कभी सोयाबीन और कपास उत्पादन में अग्रणी था लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन उत्पादों का आयात शुरू करने के बाद स्थानीय किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस नीति ने किसानों की कमर तोड़ दी है।

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि चीनी, प्याज और सोयाबीन पर निर्यात प्रतिबंध से राज्य में कृषि क्षेत्र कमजोर हो रहा है।

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शरद पवार ने कहा, ‘‘केंद्र ने उन कृषि उत्पादों के आयात की भी अनुमति दे दी है, जिन्हें स्थानीय स्तर पर खरीदा जा सकता था। इससे महाराष्ट्र के सोयाबीन उत्पादकों को और नुकसान हुआ है। ऐसी कृषक विरोधी नीतियां किसानों के प्रति सरकार की उपेक्षा को उजागर करती हैं। यही कारण है कि इन नेताओं को सत्ता में नहीं रहना चाहिए।’’

महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं जबकि राकांपा (एसपी), कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) एमवीए के घटक दल हैं।

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शरद पवार ने ‘‘बढ़ते अपराध, महंगाई और महिलाओं के खिलाफ अन्याय’’ को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने पूछा, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों द्वारा थानों में लोगों को खुलेआम हिंसक धमकी देने जैसी घटनाएं कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता पैदा करती हैं। यह सरकार क्या कर रही है?’’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से उद्योग छीने जा रहे हैं और कारोबार गुजरात ले जाया जा रहा है। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या हमारे प्रधानमंत्री पूरे देश के हैं या सिर्फ एक राज्य के हैं?’’

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शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र कभी देश में अग्रणी राज्य था, लेकिन अब बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण छठे स्थान पर आ गया है।

उन्होंने लोगों से आगामी चुनाव में समझदारी से मतदान करने का आग्रह किया और उन्हें भ्रामक वादों से सतर्क रहने को कहा। शरद पवार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने ग्रामीण समुदायों के कल्याण के लिए कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए उद्यमों को नष्ट कर दिया है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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