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चुनाव सिर पर आते ही मोदी सरकार ने खत्म किया ‘लहू का लगान’- सैनिटरी नैपकिन पर अब जीएसटी नहीं लगेगा

मोदी सरकार जानती है कि शासन में यह उसका आखिरी साल है, और उसे पूर्ण बजट पेश करने का मौका नहीं मिलेगा, इसलिए मध्य वर्ग, महिलाओं, छोटे व्यापारियों के साथ ही बहुसंख्यकों को रिझाने की कोशिश के तहत इन सभी वर्गों को प्रभावित करने वाले सामान पर जीएसटी की दरें कम कर दी गईं।

फोटो: IANS
फोटो: IANS जीएसटी काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेते कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल, वित्त सचिव और अन्य

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अब पूरी तरह इलेक्शन मोड में आ चुकी है। इसकी शुरुआत बीजेपी ने शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कर दी। विपक्ष पर तथ्यहीन आरोप, आंकड़ों की बाजीगरी और आरोह-अवरोह से पूर्ण प्रधानमंत्री का तत्वहीन भाषण।

बात यहीं नहीं रुकी और प्रधानमंत्री ने शनिवार को ही रैली कर एक बार फिर चुनावी भाषण दिया, जिसका सार सरकार की उपलब्धियां गिनाने से लेकर विपक्ष पर हमले करने में ही सिमटा रहा।

मोदी सरकार जानती है कि शासन में यह उसका आखिरी साल है, और उसे पूर्ण बजट पेश करने का मौका नहीं मिलेगा, इसलिए मध्य वर्ग, महिलाओँ, छोटे व्यापारियों के साथ ही बहुसंख्यकों को रिझाने की कोशिश के तहत इन सभी वर्गों को प्रभावित करने वाले सामान पर जीएसटी की दरें कम कर दी गईं। शनिवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार ने छोटे टीवी से लेकर वाशिंग मशीन और एसी तक पर जीएसटी घटाया, तो सैनिट्री नैपकिन पर जीएसटी खत्म कर दिया। सरकार को यह समझने में पूरा एक साल लग गया कि सेनिट्री नैपकिन जरूरत की चीज़ है न कि विलासिता का कोई साधन।

जीएसटी काउंसिल की बैठक के फैसलों का ऐलान करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल का लहजा भी बिल्कुल वैसा था जैसा कि बजट भाषण के दौरान विभिन्न वर्गों को रिझाने के लिए अपनाया जाता है।

Published: 22 Jul 2018, 12:41 AM IST

महिलाओं और बहुसंख्यकों को रिझाने वाली वस्तुएं टैक्स फ्री

सैनेटरी नैपकिन, बिना सोने-चांदी वाली राखी, मार्बल या लकड़ी से बनने वाली मूर्तियां, हैंडीक्राफ्ट से जुड़ी चीजें, फूलझाडू, नारियल के रेशे से बनी ऑर्गनिक खाद, फोर्टिफाइड मिल्क, आरबीआई या सरकार की ओर से जारी विशेष सिक्के

शहरी मध्य वर्ग को खुश करने वाली वस्तुएं सस्ती

सरकार ने काफी ऐसी वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दी है जिससे मध्य वर्ग प्रभावित होता है। इनमें 68 सेमी या 27 इंच तक स्क्रीन वाले टीवी, फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीन, मिक्सर-जूसर-ग्राइंडर, वॉटर कूलर, हीटर, शेवर, लीथियम आयन बैट्री, वैक्यूम क्लीनर, विशेष वाहन जैसे अग्निशमन वाहन, कंक्रीट मिक्सर वाले वाहन, वेयर हाऊस और फैक्टरियों में इस्तेमाल होने वाले ट्रक, पेंट्स, वार्निश, वॉल पुट्टी, रेजिन, सीमेंट, हेयर ड्रायर, पाउडर पफ, कॉस्मेटिक पैडस सेंट, परफ्यूम, टॉयलेट क्लीनर, बिजली की प्रेस, आइसक्रीम फ्रीजर, रेफ्रिजरेंटिंग उपकरण, चमड़े के सामान, पेंटिग और शीशे आदि के लिए इस्तेमाल होने वाले लकड़ी के फ्रेम और वीडियो गेम्स आदि शामिल हैं।

इसके अलावा भी हैंडलूम दरियां और हाथ से बनी टोपियां आदि ऐसी कई वस्तुएं हैं जिन पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच फीसदी कर दी गई है।

साथ ही हैंडबैग, ज्वेलरी बॉक्स, कई तरह के आर्ट वर्क्स आदि पर जीएसटी 18 फीसदी से कम कर 12 फीसदी कर दिया गया है। वही पेट्रोल-डीजल में इस्तेमाल होने वाले एथेनॉल और 1000 रुपए तक के फुटवियर आदि पर टैक्स की दर 18 से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है।

सरकार द्वारा जीएसटी दरों में जिन वस्तुओं को सस्ता किया गया है, उसकी सूची देखने से साफ होता है कि सरकार ने महिलाओं के साथ ही आने वाले त्योहारी सीज़म को ध्यान में रखा है। पेंट्स, पॉलिश, आर्ट वर्क्स, टीवी-फ्रिज आदि ऐसी वस्तुएं हैं जिन्हें लोग दीवाली के मौके पर या नवरात्र में खरीदते हैं और घर की साज-सज्जा करते हैं। इन वस्तुओं पर दरों में कमी कर सरकार ने बहुसंख्यक वर्ग को खुश करने की कोशिश की है।

वहीं जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया को भी आसान कर व्यापारियों की नाराजगी दूर करने की कोशिश करती नजर आई है मोदी सरकार। काउंसिल ने ऐलान किया कि अब कारोबारियों को सिंगल पेज रिटर्न भरना होगा। इसके अलावा, अब एक महीने में तीन की जगह सिर्फ एक रिटर्न दाखिल करना होगा। सालाना पांच करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले कारोबारी तिमाही रिटर्न भर सकेंगे।

जीएसटी काउंसिल की फैसलों में सबसे अहम फैसला सेनिटरी नेपकिन को टैक्स फ्री करना माना जा रहा है और सरकार भी इसे ही बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित कर रही है। पीआईबी की तरफ से गुलाबी रंग का ग्राफिक्स बनाकर इसे प्रचारित किया जा रहा है।

Published: 22 Jul 2018, 12:41 AM IST

जिस बात को समझने में सरकार को एक साल का समय लगा, अब उस फैसले को लेकर बीजेपी शासित राज्यों के सारे मुख्यमंत्री वाहवाही कर रहे हैं।

Published: 22 Jul 2018, 12:41 AM IST

अलावा सरकार ने आयुष्मा भारत इंश्योरेंस स्कीम के प्रीमयम को भी टैक्स फ्री कर दिया है।

Published: 22 Jul 2018, 12:41 AM IST

यहां सवाल उठता है कि जब पिछले वित्त मंत्री (या निवर्तमान या पूर्व, बहुत असमंजस है इनके पदनाम को लेकर) अरुण जेटली कर राजस्व में घाटे की दुहाई देते नहीं थकते थे, ऐसे में जेएसटी दरों में इतने बड़े बदलावों को कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कैसे हरी झंडी दे दी? जवाब तो सिर्फ एक ही दिखता है, चुनावी साल है, मॉनसून के मौसम में जुमलों के साथ कुछ सौगातों की बरसात भी होनी ही है।

Published: 22 Jul 2018, 12:41 AM IST

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Published: 22 Jul 2018, 12:41 AM IST