छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अडानी और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रमुख की ‘‘मिलीभगत’’ की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की बुधवार को मांग की।
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नागपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि विपक्ष सेबी प्रमुख, मोदी सरकार और अडानी के बीच सांठगांठ की जेपीसी जांच के लिए सरकार पर दबाव बनाएगा।
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उन्होंने कहा, ‘‘इस मिलीभगत से पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और एक व्यक्ति अर्थव्यवस्था का पूरा लाभ उठा रहा है, जिसकी जेपीसी जांच जरूरी है।’’
यह दावा करते हुए कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उल्लेख नहीं किये गए ‘‘नये तथ्य और गंभीर आरोप’’ सामने आए हैं, बघेल ने मांग की कि कोलकाता में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर गौर कर रहे उच्चतम न्यायालय को ‘‘अडानी और सेबी प्रमुख माधवी बुच की मिलीभगत’’ का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार, एक गैर-आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी को सेबी अध्यक्ष बनाया गया, जिसके अडानी की एक कंपनी से जुड़े होने की बात सामने आई है।’’
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बघेल ने दावा किया, ‘‘क्या ऐसे व्यक्ति को सेबी का नेतृत्व करने की अनुमति दी जानी चाहिए? सेबी अध्यक्ष के मुद्दे पर पहले से ही एक मामला जारी है और नये तथ्य सामने आए हैं।’’
बघेल ने (नरेन्द्र) मोदी सरकार पर अडानी को कई कंपनियों के अधिग्रहण में अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने में केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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