सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई के जज बी एच लोया की मौत के केस की सुनवाई किसी और बेंच को दी जा सकती है। यह संकेत सुप्रीम कोर्ट ने ही दिए है। फिलहाल इस केस की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एम शांतनागोदरान की बेंच में हो रही है।
इस मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को जो ऑर्डर जारी किया उसमें साफ लिखा है कि इस केस को किसी ‘उपयुक्त पीठ’ में भेजा जाए।
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जज बी एच लोया का केस इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों ने शुक्रवार 12 जनवरी को प्रेस कांफ्रेंस कर कोर्ट की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और एक सवाल के जवाब में कहा था कि “हां” जज लोया का केस भी इसमें शामिल है। गौरतलब है कि जज बी एच लोया जब केस की सुनवाई कर रहे थे, उस केस में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे। जज लोया की रहस्यमय हालात में दिल का दौरा पड़ने से नागपुर में मौत हो गई थी।
अलबत्ता, 17 जनवरी से जिन महत्वपूर्ण याचिकाओँ पर सुनवाई के लिए जो पीठ गठित की गई हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। जो नई बेंच गठित की गई है, उसमें ‘वे’ चारों जज शामिल नहीं हैं।
17 जनवरी से जिन अहम याचिकाओं पर सुनवाई शुरु होनी है, उनमें आधार की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका, सबरीमाला मंदिर में महिलाओँ के प्रवेश, पारसी महिलाओं की धार्मिक पहचान और धारा 377 की समीक्षा के केस शामिल हैं।
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