15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के बीच ऐसा क्या हुआ था जिसके चलते भारतीय सेना के 20 जवानों को शहीद होना पड़ा ? इस सवाल का जवाब पूरा देश जानना चाहता है, क्योंकि इस बात की जानकारी अब तक ना सरकार ने दी है ना ही पीएम मोदी ने देश की जनता को कुछ सच बताया है। बस ये कहकर सवाल को टालने की कोशिश की है कि अब LAC पर स्थिति सामान्य है और चीनी सेना कई किलोमीटर पीछे हट गई है। लेकिन पीएम के इस सवाल में भी संदेह तब होता है जब बार बार नए खुलासे हो रहे होते हैं। इसी बीच अब ये खुलासा हुआ है कि पैंगोंग लेक के पास चीन अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है।
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भारत और चीन के बीच हुई कोर कमांडर लेवल कई बैठक के बाद भी चीन बाज नहीं आ रहा है। भले ही चीन पीछे हटने की बात कह रहा हो लेकिन दूसरी तरह उसकी चालबाजी साफ नजर आ रही है। दरअसल चीन लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके में चीन अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। ये खुलासा सैटेलाइट इमेज के जरिए हुआ है। आपको बता दें कि 14 जुलाई को कोर कमांडर स्तर की बातचीत में दोनों देशों के बीच पीछे हटने की बात पर सहमति बनी थी। जिसके बाद चीन की सेना कुछ इलाकों में पीछे हटी भी थी, लेकिन पैंगोंग त्सो इलाके में चीन की सेना अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है और वहां अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा रही है।
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चीन की सेना ने पैंगोंग त्सो इलाके में नए कैंप बनाने शुरू कर दिए हैं। इन कैंपों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही झील में निगरानी के लिए चीन ने अपनी बोटों की संख्या भी बढ़ाई है। एक निजी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, 29 जुलाई की सैटेलाइट इमेज से यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी नौसेना फिंगर 5 और फिंगर 6 में डेरा जमाए हुए है। फिंगर 5 पर चीनी सेना के 3 बोट और फिंगर 6 पर 10 बोट दिखाई दे रहे हैं। फिंगर 5 पर पीएलए की नौसेना का बेस बना हुआ है। जिसमें करीब 40 कैंप हैं। चीनी सेना के कैंप को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीएलए ने सर्दियों की भी तैयारी करनी शुरू कर दी है और चीनी सेना यहां लंबे समय तक टिकने की योजना बना रही है।
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बता दें कि भारतीय सेना के अनुसार, दोनों देशों के बीच फिंगर 8 के पास से होकर एलएसी गुजरती है। यही वजह है कि भारतीय सेना फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करती रही है। वहीं चीनी सेना फिंगर 4 तक चीन की सीमा होने का दावा करती है और वह फिंगर 4 तक पेट्रोलिंग करते रहे हैं। अब ताजा विवाद के बाद से चीन ने पैंगोंग झील के फिंगर्स इलाके में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और फिंगर 4 तक अपने कैंप बनाकर डेरा डाल दिया था। कोर कमांडर लेवल की बातचीत के बाद चीन सेना यहां से थोड़ा पीछे हटी थी लेकिन उसके बाद से वह फिंगर 5 और 6 इलाके में जमी हुई है।
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भारतीय सेना ने बयान में कहा था कि कि 15-16 जून की दरम्यानी रात गलवान इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 17 भारतीय सैनिक बुरी तरह घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई। उस इलाके में तापमान शून्य से नीचे है। इस तरह इस झड़प में भारत के कुल 20 सैनिक मारे गए।
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