राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा है कि बेरोजगारी और किसानों की परेशानी पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, संघ परिवार के सहयोगी संगठन भारतीय किसान मंच और स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि अगर अगले लोकसभा चुनावों से पहले बजट में बेरोजगारी और कृषि संकट का ध्यान नहीं रखा गया तो इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं। इन संगठनों का कहना है कि मोदी सरकार को बढ़ती बेरोजगारी और कृषि समस्या को दूर करना चाहिए। स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार को सलाह दी है कि वे छोटे और नए उद्योगों को प्रोत्साहित करें ताकि रोजगार पैदा होने की संभावनाएं बढ़ सकें।
Published: 27 Jan 2018, 10:57 AM IST
वहीं भारतीय किसान मंच ने फसल का न्यूनमतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है। साथ ही कृषि उत्पादों पर जीएसटी के लिए मुआवजा देने की भी सलाह दी है। मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन का कहना है कि, “देश में अधिक नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को अपनी आर्थिक नीतियों को विकास दर बढ़ाने वाले कदमों पर केंद्रित करने के बजाय रोजगार पैदा करने वाली नीतियों पर केंद्रित करना होगा।” उन्होंने कहा कि सरकार को ‘सनराइज़ सेक्टर’ को समर्थन देना चाहिए जिससे की ज्यादा रोजगार पैदा हो सके।
हाल ही में मंच ने सरकार के विदेशी निवेश के नियमों को लेकर किए गए फैसले का भी विरोध किया था। मंच का कहना था कि यह फैसला देश के हित के खिलाफ है और लोगों को सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध करना चाहिए। भारतीय किसान मंच और स्वदेशी जागरण मंच के अलावा आरएसएस के तीसरे सहयोगी संगठन भारतीय मजदूर संघ ने भी कहा है कि नोटबंदी और जीएसटी ने छोटे और मध्यम उद्योगों को नुकसान पहुंचाया है।
Published: 27 Jan 2018, 10:57 AM IST
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Published: 27 Jan 2018, 10:57 AM IST