मोदी सरकार के कृषि सुधार से जुड़े तीन विधेयकों का देश भर में विरोध हो रहा है। विपक्षी दलों के अलावा किसानों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। यहां तक की भारती जनता पार्टी के सहयोगी दल भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं। वहीं अब आरएसएस से जुड़े किसान संगठन- भारतीय किसान संघ (BKS) भी मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया है। भारतीय किसान संघ के महासचिव बद्री नारायण चौधरी ने कहा है कि यह विधेयक उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है और इससे किसानों का जीवन और मुश्किल होने वाला है।
Published: 19 Sep 2020, 2:48 PM IST
बद्री नारायण चौधरी चौधरी का कहना है कि भारतीय किसान संघ किसी सुधार के विरोध में नहीं है। पर इस बिल में किसानों को लेकर कई चिंता वाली बाते हैं। उन्होंने इंडिया टुडे न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा कि अब जिसके पास भी पैन कार्ड है, वही व्यापारी बन कर सीधा किसान से डील कर सकता है। सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिससे यह तय हो सके कि जब उसका उत्पाद खरीदा जाएगा, उसी वक्त उसे पेमेंट हो जाएगा या फिर सरकार उसके पेमेंट की गारंटर बनेगी।
Published: 19 Sep 2020, 2:48 PM IST
बीएसके के महासचिव का कहना है कि देश में 80 फीसदी किसान छोटे या मध्यम वर्ग के हैं। इसलिए एक भारत-एक बाजार का नारा उनके लिए काम नहीं करता। यह या तो बड़े उद्योगों या बड़े किसानों के लिए ही काम करता है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार पिछले दो बजट से 22 हजार नई मंडियों की बात कर रही है, आखिर वे कहां हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कृषि और खाद्य मंत्रालयों को नौकरशाह चला रहे हैं, जिन्हें जमीनी हकीकत का कोई अंदाजा नहीं है।
Published: 19 Sep 2020, 2:48 PM IST
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Published: 19 Sep 2020, 2:48 PM IST