रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर कई बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने के आरोप में सीबीआई ने केस दर्जकर गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई विक्रम कोठारी के साथ उनकी पत्नी और बच्चों से भी पूछताछ कर रही है। इसके अलावा सीबीआई ने उनके कानपुर स्थित घर पर रेड मारी है। कानपुर के माल रोड के सिटी सेंटर में रोटोमैक कंपनी के ऑफिस पर पिछले कई दिनों से ताला बंद लगा था।
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18 फरवरी को घोटाले का आरोप लगने के बाद विक्रम कोठारी ने कहा, “मैं कानपुर का वासी हूं और मैं शहर में ही रहूंगा। हालांकि कारोबारी काम की वजह से मुझे विदेश यात्राएं भी करनी होती हैं”
कानपुर के नामी उद्योगपति विक्रम कोठारी ने देश के पांच बड़े बैंकों से करीब 5000 करोड़ रुपए का लोन लिया था। उन पर आरोप लगा है कि एक साल बाद भी उन्होंने न तो लोन का पैसा चुकाया है और न ही ब्याज का पैसा चुकाया है।
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2017 में बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को जानबूझकर ऋण न चुकाने को लेकर विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया था। इस सूची से नाम हटवाने के लिए कंपनी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की थी। उस समय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए बैंक ऑफ बड़ोदा को उसे सूची से बाहर करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ऋण चूक की तारीख के बाद कंपनी ने बैंक को 300 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति की पेशकश की थी। इसके बावजूद बैंक द्वारा कंपनी को विलफुल डिफॉल्टर की सूची में डालने की कार्रवाई को गलत करार दिया था।
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