सुप्रीम कोर्ट से गुरूवार को रिटायर होने के बाद जस्टिस कुरियन जोसेफ ने इसी साल 12 जनवरी को चार जाजों की प्रेस कांफ्रेंस पर प्रतिक्रिया दी है। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि उन्हें प्रेस कांफ्रेंस करने पर कोई पछतावा नहीं है। गौरतलब है कि प्रेस कांफ्रेंस करने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार जजों में जस्टिस जोसेफ भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस संस्थागत सामूहिक फैसला लेने की प्रक्रिया को सही करने के लिए सोच-समझकर बुलाई गई थी।
रिटायर होने के बाद जस्टिस जोसेफ ने एक और बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि वह एक संस्थागत संकट था, अभी भी वह खत्म हो गया है, यह मैं नहीं कह सकता, क्योंकि सिस्टम को बदलने में समय लगता है। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि सिस्टम और प्रैक्टिस को लेकर हमारी आपत्ति थी, अब उसे दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
Published: 01 Dec 2018, 9:56 AM IST
उन्होंने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस किसी शख्स के खिलाफ नहीं थी, बल्कि देश की सबसे बड़ी अदालत के कामकाज में चीफ जस्टिस की सहायता के लिए एक सामूहिक फैसला लेने की व्यवस्था बनाने के मकसद से की गई थी।
Published: 01 Dec 2018, 9:56 AM IST
जस्टिस जोसेफ ने कुछ मामलों में राजनीतिक दबाव को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार का मुकदमों को लेकर दबाव नहीं रहता, लेकिन जजों की बहाली और उनमें देरी में जरूर दखल रहता है। कोलिजयम विवाद पर उन्होंने कहा कि सरकार और कोलेजियम के बीच मतभेद की वजह क्या है यह मैं नहीं जानता। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि सरकार संसद में कह रही है कि मोमेरेंडम ऑफ प्रॉसिजर अब तक फाइनल नहीं हुआ है। कोलेजियम इस वक्त लेटेस्ट ड्राफ्ट मोमेरेंडम ऑफ प्रॉसिजर के तहत काम कर रहा है।
Published: 01 Dec 2018, 9:56 AM IST
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Published: 01 Dec 2018, 9:56 AM IST