लालू फिलहाल रांची सेंट्रल जेल में हैं। उन पर चारा घोटाले से जुड़े 7 केस दर्ज हैं। इनमें से चाईबासा ट्रेजरी केस में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है। हालांकि, इस केस में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। बाकी 5 केस पर सुनवाई चल रही है। 950 करोड़ के चारा घोटाले में यह 33वां और लालू से जुड़ा दूसरा फैसला है।
लालू के वकील प्रभात कुमार का कहना है कि लालू और बाकी दोषियों को अधिकतम 7 साल और कम से कम एक साल की जेल हो सकती है। वहीं, सीबीआई के एक अफसर के मुताबिक, इस केस में लालू को गबन की धारा 409 के तहत 10 साल तक की सजा और धारा 467 के तहत उम्रकैद भी हो सकती है। लेकिन, लालू के वकील ने इस संभावना को सिरे से खारिज कर दिया।
सजा के ऐलान के बाद अगर लालू को 3 साल से कम सजा मिलती है तो उन्हें फौरन जमानत मिल सकती है, लेकिन 3 साल से ज्यादा सजा होने पर उन्हें फैसले की कॉपी मिलने के बाद झारखंड हाईकोर्ट में अपील करना होगी।
लालू प्रसाद यादव के साथ जिन लोगों को सजा सुनाई जानी है उनमें राजनीतिक नेता जगदीश शर्मा, आरके राणा और बेक जूलियस, आईएएस अफसर फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद और कृष्ण कुमार के साथ सरकारी कर्मचारी सुबीर भट्टाचार्य भी शामिल हैं। इनके अलावा चारा सप्लाई करने वाले ठेकेदार
त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुशील कुमार सिन्हा, सुनील कुमार सिन्हा, राजा राम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय अग्रवाल, ज्योति कुमार झा और सुनील गांधी के नाम हैं।
इस मामले में रांची की अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व पीएसी चेयरमैन ध्रुव भगत, पूर्व आईएरएस अफसर एसी चौधरी, चारा सप्लायर सरस्वती चंद्रा, सदानंद सिंह और पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद को बरी कर दिया था।
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