राजस्थान के पुलिसकर्मी अब सोशल मीडिया पर राजनीतिक या चुनाव से जुड़ी कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। राजस्थान के डीजीपी ओपी गल्होत्रा ने एक सर्कुलर जारी कर इस पर रोक लगा दी है। सर्कुलर में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर राजनीति या चुनाव से जुड़ी टिप्पणी करने, इससे जुड़ा फोटो या वीडियो शेयर करने और सरकार के खिलाफ किए जाने वाले आंदोलनों से दूरी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
डीजीपी की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, किसी भी पुलिसर्की द्वारा ऐसा करने पर आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा अधिनियम 1971 की संख्या 7 और 11 और राजस्थान पुलिस अधिनियम 1948 की संख्या 82 के तहत कार्रवाई होगी।
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डीजीपी के सर्कुलर जारी करने से पहले कुछ पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया के जरिए अपने उच्चाधिकारियों के साथ-साथ सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। माना जा रहा है कि पुलिसकर्मियों के इस कदम के बाद ही डीजीपी ने यह सर्कुलर जारी किया है।
राजस्थान में इस तरह का सर्कुलर जारी करना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले प्रदेश की वसुंधरा सरकार ने इसी तरह का एक सर्कुलर 12 अक्टूबर 2017 को जारी किया था, जिसके जरिए सरकार ने अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगा दी। सरकार ने सर्कुलर जारी कर कहा था कि अगर किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी ने सरकार की किसी भी नीति या फैसले की आलोचना की तो उसकी खैर नहीं है।
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सर्कुलर में चेतावनी दी गई थी कि सभी अधिकारी और कर्मचारी सुनिश्चति करें कि वे सार्वजनिक तौर पर किसी व्यक्ति विशेष या किसी पार्टी या संस्थान के खिलाफ तथ्यहीन, निराधार, असत्यापित, गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणियां न प्रसारित या प्रचारित करें। ऐसा न करने पर कठोर अनुशास्नात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गयी थी। राजस्थान सरकार के शासन सचिव भास्कर ए सावंत की तरफ से जारी वह सर्कुलर सभी आयुक्तों, जिलाधिकारियों और पुलिस महानिदेशक को भेजा गया था। पत्र की एक कॉपी राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी भेजी गई थी।
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