मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को लेकर बीजेपी सांसद समेत कई अन्य सांसदों ने संसद में सवाल पूछे थे। इसमें एक सवाल उस हालिया आरटीआई जानकारी को लेकर भी था जिसमें यह सामने आया था कि नोटबंदी के 5 दिनों के भीतर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में लगभग 745 करोड़ रुपए मूल्य के 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट जमा हुए थे। उस बैंक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह निदेशक थे। यह सारे सवाल नाटकीय रूप से राज्यसभा की वेबसाइट से गायब हो गए हैं।
24 जुलाई 2018 को पूछे गए 668 और 714 नंबर के यह दोनों सवाल राज्यसभा की वेबसाइट पर नहीं हैं। सांसदों के प्रोफाइल के सवाल वाले हिस्से में एक संक्षिप्त सवाल है लेकिन उन पर क्लिक करने पर सादा पेज आ जाता है।
नीति निर्माण में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए काम कर रही संस्था माध्यम द्वारा किए गए कई ट्वीट्स से इस बात का पता चला।
Published: 30 Jul 2018, 5:58 PM IST
समाजवादी पार्टी के सांसद नीरज शेखर और रवि प्रकाश वर्मा द्वारा संयुक्त रूप से यह सवाल पूछा गया था, जिसमें उन सरकारी और जिला सहकारी बैंकों की जानकारी मांगी गई थी जहां नोटबंदी के बाद सबसे अधिक प्रतिबंधित नोट जमा हुए थे। यह भी पूछा गया था कि किस बैंक में कितने रुपए जमा हुए।
सवाल था, “क्या यह आरटीआई जानकारी सही है कि नोटबंदी के 5 दिनों के भीतर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में लगभग 745 करोड़ रुपए मूल्य के 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट जमा हुए थे। अगर हां तो विवरण दें।”
यह भी पूछा गया कि क्या सरकार ने कथित तौर पर जमा हुए इस पैसे को लेकर जांच की और अगर नहीं तो ‘भ्रष्ट और काल धन जमा करने वालों को बचाने’ का क्या कारण है।
Published: 30 Jul 2018, 5:58 PM IST
इसी तरह का सवाल महाराष्ट्र से बीजेपी के राज्यसभा सांसद अमर शंकर साबले ने भी पूछा। उन्होंने नोटबंदी के बाद 31 मार्च 2017 तक सहकारी सोसायटी, जिला सहकारी बैंकों, शहरी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों में जमा हुए पैसे की राज्यवार जानकारी जाननी चाही। उन्होंने यह भी पूछा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सोसायटी और बैंकों प्रतिबंधित नोट बदलने का आदेश दिया गया था।
यह ध्यान देने की बात है कि 24 जुलाई को प्रकाशित ‘प्रश्न सूची’ में इन सवालों को शामिल किया गया था। इसका यह भी संकेत था कि इन सवालों को जवाब देने योग्य पाया गया है।
सांसद नीरज शेखर ने नेशनल हेरल्ड को बताया कि उन्हें सरकार से लिखित जवाब प्राप्त हुआ है लेकिन वे नहीं जानते कि क्यों ये सवाल वेबसाइट से हटा दिए गए हैं, “मैंने इस बात राज्यसभा सचिव के नोटिस में ला दिया है और कहा कि जवाब को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए।”
Published: 30 Jul 2018, 5:58 PM IST
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Published: 30 Jul 2018, 5:58 PM IST