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कैप्‍टन अमरिंदर ने पाकिस्तान को चेताया, बोले- जनरल बाजवा समझ जाएं हम भी पंजाबी हैं  

आतंकियों के हमले में रूपनगर के नूरपुरबेदी ब्लाक के गांव रौली का सिपाही कुलविंदर सिंह, तरनतारन के गांव गंडीविंड धत्तल का सुखजिंदर सिंह और मोगा जिले के कस्बा कोट ईसे खां के जयमल सिंह शहीद हो गए।

फोटो: IANS 
फोटो: IANS  

गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल पर हुए हमले में पंजाब ने भी अपने 4 जांबाज बेटे को खो दिया। तो वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश ने भी अपने एक बहादुर बेटे को खोया है। इन जवानों की शहादत से पूरे देश में शोक है। लोगों में पाकिस्‍तान के प्रति गुस्‍सा है। पंजाब विधानसभा में भी इस आतंकी वारदात पर गुस्‍सा जताया गया। विधानसभा की कार्यवाही शहीद हुए जवानों के शोक में स्‍थगित कर दी गई। हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही भी 2 मिनट के मौन के बाद स्थगित कर दी गई।

पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने एक प्रस्ताव भी पास किया कि अब पाकिस्तान से बातचीत नहीं कार्रवाई होनी चाहिए। ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से पंजाब विधानसभा में पास किया गया।

कैप्टन सिंह ने कहा कि, हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस तरह के मुद्दों पर सख्ती से निपटे। पाकिस्तान ने ही ये सब कुछ किया है। जनरल बाजवा समझ जाए कि हम भी पंजाबी हैं और भारत मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। करतारपुर कॉरिडोर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह एक अलग मुद्दा है और करतारपुर कॉरिडोर पूरी तरह से सुरक्षित है। मुझे नहीं लगता कि इससे करतारपुर कॉरिडोर को कोई फर्क पड़ेगा।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों को मदद देने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि, शहीदों के परिवारों को राज्य सरकार के नियक के मुताबिक हर संभव सहायत की जाएगी।

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अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवारों को मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि, साथ ही मैं घायलों को जल्दी ठीक होने की कामना करता हूं”

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अपने अगले ट्वीट में कैप्टन सिंह ने लिखा कि, केंद्र सरकार को पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए, क्योंकि ये साफ है कि पुलवामा हमले के पीछे उनका हाथ है। पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया है कि शहीदों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जानी चाहिए और पाकिस्तान से बातचीत नहीं कार्रवाई होनी चाहिए।

आतंकियों के हमले में रूपनगर के नूरपुरबेदी ब्लाक के गांव रौली का सिपाही कुलविंदर सिंह, तरनतारन के गांव गंडीविंड धत्तल का सुखजिंदर सिंह और मोगा जिले के कस्बा कोट ईसे खां के जयमल सिंह शहीद हो गए। गुरदासपुर के दीनानगर के क्षेत्र आरिया नगर के 27 साल के जवान मनिंदर सिंह भी शहीद हो गए। हिमाचल प्रदेश के आतंकी हमले में कांगड़ा जिले के जवाली विधानसभा क्षेत्र के धेवा गांव के सीआरपीएफ जवान तिलक राज पुत्र लायक राम भी शहीद हो गए।

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